पति को मार खून से सना चावल खिलाया… कश्मीरी हिंदुओं के साथ बर्बरता सुन दहल गए थे दर्शन कुमार, कहा- खुद से बड़बड़ाने लग गया था

'द कश्मीर फाइल्स' में दर्शन कुमार ने कृष्णा पंडित का रोल निभाया है (फोटो साभार: Asianet)

इस्लामी आतंकियों ने कश्मीरी हिंदुओं के साथ जो बर्बरता की थी, उसे विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ ने जुबान देने का काम किया है। इन्हीं बर्बर घटनाओं में से एक में आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद उनके खून से सना चावल उनकी पत्नी को खिलाया था। अभिनेता दर्शन कुमार ने बताया है कि इस घटना के बारे में सुनकर वे दहल उठे थे। उन्हें उस रात नींद नहीं आई थी।

दर्शन कुमार ने द कश्मीर फाइल्स में कृष्णा पंडित का किरदार निभाया है, जो अपने माता-पिता और भाई के मौत की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करता है। इस भूमिका का उन्होंने जिस तरीके से निर्वाह किया है उसकी काफी तारीफ हो रही। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में दर्शन कुमार ने विस्तार से इस फिल्म से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया है।

दर्शन कुमार ने इंटरव्यू में जिस वाकये का जिक्र किया है वह फिल्म में भी दर्शाया गया है। इसमें एक महिला को जबरदस्ती उसके पति के खून में सना चावल खाने को मजबूर किया जाता है। यह घटना साल 1990 की है, आतंकी बीके गंजू को तलाश करते हुए आए, लेकिन वो चावल की बोरी में छिप गए। इस्लामिक आतंकियों ने उन्हें कई गोलियाँ मारी और खून से सने उस चावल को उनकी पत्नी को खाने पर मजबूर किया।

इंटरव्यू में दर्शन कुमार ने बताया है कि वे ‘द कश्मीर फाइल्स’ के अपने रोल को करियर का सबसे मुश्किल रोल मानते हैं। उन्होंने बताया है कि शूटिंग के दौरान वे लगभग डिप्रेशन में चले गए थे। रात-रात भर सो नहीं पाते थे। फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें किसी भी रात ठीक से नींद नहीं आई। रात को उठ-उठ कर बुदबुदाने लगते थे। इससे उबरने के लिए उन्हें लगभग दो सप्ताह तक मेडिटेशन का सहारा लेना पड़ा।  

दैनिक भास्कर से बात करते हुए उन्होंने बताया कि जब डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने उन्हें पीड़ितों का वीडियो दिखाया तो वह स्तब्ध रह गए। वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थे। वह बताते हैं कि पति को मार कर उसके खून से सने चावल को उसकी पत्नी को खिलाने की घटना देखकर वह सन्न रह गए थे। उन्होंने कहा है कि पहले तो वे इसे लेकर काफी उत्साहित थे, लेकिन स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद वह अंदर तक हिल गए। जब वह स्क्रिप्ट पढ़ रहे थे तो उन्होंने वही दर्द महसूस किया।

इंटरव्यू के दौरान दर्शन ने बताया कि उन्होंने 13 पेज के स्क्रिप्ट को एक ही टेक में कर लिया। उन्होंने बताया कि सभी कलाकारों का फोकस इस बात पर था कि इस सच्ची कहानी को सही तरीके से लोगों तक पहुँचाई जा सके। इसके लिए सभी ने काफी मेहनत की। जब वह होटल में आराम करते था तब भी किरदार में रहने की कोशिश करते थे। वह कहते हैं कि इस फिल्म ने उनकी जिंदगी बदल दी। अब उनके पास ए लिस्टेड निर्देशकों के कॉल आते हैं। अपने जीवन में आए इस परिवर्तन से वह काफी खुश है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया