‘कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्री को किया अरेस्ट’ – BBC की फर्जी रिपोर्टिंग: मकसद है लोकसभा चुनाव को बदनाम करना, गुजरात दंगों पर भी बना चुका है फर्जी डॉक्युमेंट्री

बीबीसी का दुष्प्रचार

देश में लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया जारी है। दुनिया के सबसे लोकतांत्रिक देश भारत में सात चरणों में होने वाले मतदान में दो चरणों की वोटिंग शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो चुकी है। हालाँकि, भारत विरोधी विश्व की मीडिया एक तरफा रिपोर्ट और फर्जी तथ्यों के साथ खबरें प्रकाशित कर भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम BBC भी है।

BBC यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन। इंग्लैंड का यह मीडिया संस्थान भारत विरोधी व्यवहार के लिए कुख्यात है। कभी ओपिनियन के नाम पर एक तरफा खबरें प्रकाशित करता है तो कभी फर्जी तथ्यों के आधार पर लोगों को गुमराह और भारत को बदनाम करने की कोशिश करता रहता है। BBC भारत विरोधी ही नहीं, हिंदू विरोधी और सनातन संस्कृति विरोधी भी है। इसके कई प्रमाण सामने आ चुके हैं।

इतना ही नहीं, दुनिया भर में होने वाले चुनावों को भी कई प्रचार दुष्प्रचार से प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। इसमें BBC जैसे मीडिया संस्थान वैश्विक स्तर पर नैरेटिव गढ़ने का काम करते हैं। कई बार कुछ देशों द्वारा वैश्विक मीडिया संस्थानों को वित्तीय सहायता देकर चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। इसमें चीन का नाम प्रमुख है। दूसरे देशों के चुनावों में हस्तक्षेप करना चीन की पुरानी आदत है।

दरअसल, BBC ने भारत के संदर्भ में एक खबर प्रकाशित की है, जो तथ्यों के साथ छेड़खानी के गंभीर प्रयास की ओर इशारा है। अक्सर BBC अपने आपको स्वतंत्र, निष्पक्ष और सबसे विश्वसनीय समाचारों के स्रोत के रूप में देिखाने का प्रयास करता है, लेकिन उसकी आड़ में तथ्यों के साथ-साथ छेड़छाड़ तो करता ही है, पूरी व्यवस्था को भी प्रभावित करने की कोशिश करता है।

बता दें कि 27 अप्रैल 2024 को सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ था। इसे तेलंगाना कॉन्ग्रेस के X हैंडल के साथ-साथ मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी शेयर किया था। इस फर्जी वीडियो में अमित शाह SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। इस मामले में तेलंगाना कॉन्ग्रेस सोशल मीडिया संयोजक अरुण रेड्डी को गिरफ्तार किया गया है।

इस खबर को BBC ने ना सिर्फ तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करके छापा, बल्कि इस मामले को अलग मोड़ देने की कोशिश की। BBC के लिए इस खबर को ‘विक्की वॉन्ग’ ने लिखा है। विक्की वॉन्ग ने इस खबर के एक पैराग्राफ में लिखा है, “छेड़छाड़ किए गए वीडियो में श्री शाह को दक्षिणी राज्य तेलंगाना में मुसलमानों के लिए मदद बंद करने का वादा करते हुए एक भाषण देते हुए दिखाया गया है, जहाँ अरुण रेड्डी मुख्यमंत्री हैं।”

दरअसल, जिस अरुण रेड्डी को बीबीसी ने तेलंगाना का मुख्यमंत्री बताया है, वह तेलंगाना कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया संयोजक हैं। वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी हैं। हालाँकि, बीबीसी के इस खबर को देखकर ऐसा लगता है कि इसे बिना किसी पर्याप्त रिसर्च के ही लिख दिया गया है। बीबीसी खुद को दुनिया के सबसे विश्वसनीय मीडिया संस्थानों में से एक कहता है, लेकिन हकीकत बहुत अलग है।

जब लोगों ने इस बात के लिए बीबीसी की खिंचाई की तो उसने अपने खबर में संशोधन किया और उस पूरे पैरा को ही हटा दिया। हालाँकि, संशोधन होने के बावजूद, शुरुआत में जितना डैमेज होना था, वह हो चुका। उस खबर को संशोधित करने का अब उतना कुछ प्रभाव स्पष्ट रूप से नहीं दिखेगा।

फर्जी वीडियो फैलाने के लिए गिरफ्तार किए गए तेलंगाना कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया संयोजक अरुण रेड्डी को मुख्यमंत्री के रूप में बताना, यह और बड़ी साजिश है। दरअसल, BBC यह दिखाने का पूरा प्रयास किया कि भारत में जो चुनाव अभी हो रहा है, वह निष्पक्ष नहीं हो रहा है और उसे सत्ता पक्ष यानी भाजपा प्रभावित कर रहे हैं।

अपने एक खबर में बीबीसी ने लिखा है, ‘श्री शाह को अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद भारत का ‘दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति’ कहा जाता है और उन्हें भाजपा के उदय के मास्टरमाइंड के रूप में देखा जाता है’। इसमें बीबीसी ने यह भी दिखाने की कोशिश की कि अमित शाह का फर्जी वीडियो को शेयर करने के कारण विपक्ष के एक मुख्यमंत्री तक को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस तरफ बीबीसी बेहद शातिर तरीके से दुनिया में यह दुष्प्रचार करता दिखा कि भारत भले ही खुद को दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहे, लेकिन भाजपा के शासन में वहाँ चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहे हैं। बीबीसी यह दिखाने की कोशिश की कि किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा विपक्ष का दमन कर रही है।

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब बीबीसी ने गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों को लेकर एक पूरी डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। यह डॉक्यूमेंट्री भी उसी दुष्प्रचार का हिस्सा था, जिससे सत्ताधारी भाजपा और हिंदुओं को बदनाम किया जा सके। उस डॉक्युमेंट्री में भाजपा और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खलनायक के रूप में पेश करने की कोशिश की गई है। बीबीसी ने यह सब तब किया, जब न्यायालय में मामला पूरी तरह साफ हो चुका है। लेकिन, बीबीसी को तो दुष्प्रचार करना है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया