कर्नाटक बुर्का विवाद पर भड़कीं जायरा वसीम, कहा- ‘हिजाब च्वाइस नहीं, मुस्लिम लड़कियों की जिम्मेदारी है’

बुर्काधारियों के समर्थन में उतरीं जायरा वसीम

कर्नाटक हिजाब विवाद पर तमाम कट्टरपंथी एकजुट हो रहे हैं। इसी क्रम में दंगल फेम जायरा वसीम, जिन्होंने साल 2019 में अपने करियर को साइड करके इस्लाम की राह अपनाई थी, उन्होंने बुर्काधारी और हिजाब की माँग करने वाली लड़कियों का समर्थन किया है। जायरा का कहना है कि इस्लाम में हिजाब कोई पसंद-नापसंद की बात नहीं है बल्कि ये अनिवार्य है और मुस्लिम लड़कियों पर इसे पहनने की जिम्मेदारी है।

जायरा ने अपने पोस्ट में लिखा, “ये मानते आना कि हिजाब नापसंद-पसंद की बात है, बिलकुल गलत जानकारी है। अपनी सहूलियत या फिर जाहिलता के कारण ये धारणा निर्मित हुई है। इस्लाम में हिजाब पसंद की बात नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है। इस तरह जब एक महिला हिजाब पहनती है तो वह उस अल्लाह द्वारा दिए गए जिम्मेदारी को पूरा करती है, जिसे वह प्यार करती है और खुद को उसे समर्पित कर दिया है। मैं भी हिजाब पहनती हूँ। मैं उस सिस्टम का विरोध करती हूँ, जहाँ महिलाओं को ऐसा करने से रोका जा रहा है। उन्हें परेशान किया जा रहा है।”

अपने पोस्ट में जायरा ने लिखा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ होता भेदभाव और ऐसा तंत्र स्थापित करना जो शिक्षा व हिजाब के बीच निर्णय लेने को कहे, बिलकुल अन्याय है। जायरा ने आगे पोस्ट में और आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “आप  उन्हें एक विशेष पसंद को अपनाने पर मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं, जो आपके एजेंडे को चलाता है और फिर उनकी आलोचना करते हैं जबकि वे आपके द्वारा बनाए गए नियमों में कैद हैं।” पूर्व अभिनेत्री ने हिजाब के समर्थन में उतरीं लड़कियों के लिए कहा, “यह उन लोगों के साथ पक्षपात नहीं तो और क्या है जो यह जता रहे हैं कि वह उनके सपोर्ट में कार्य कर रहे हैं? ऊपर से यह दिखाना कि यह सब सशक्तिकरण के नाम पर हो रहा है, इससे बुरा कुछ नहीं है? यह बिल्कुल उसके उलट है। दुखद।”

गौरतलब है कि साल 2019 में जायरा वसीम ने बॉलीवुड से तौबा करते हुए इस्लाम की राह पर चलने का फैसला किया था। इसके बाद वह इस्लाम से संबंधी चीजें अपने सोशल मीडिया पर शेयर करने लगीं। पिछले साल उनकी एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें वह पुल पर घूमती दिख रही थीं। इस फोटो में उनका चेहरा भी नहीं दिख रहा था। इसके अलावा साल 2020 में एक पोस्ट सामने आई थी जिसमें जायरा ने कुरान की आयतें लिखी थीं और टिड्डियों के खतरे को इस्लाम से जोड़ा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया