अमेजन में 1 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा: ईमेल भेज दी जा रही छँटनी की जानकारी, 5 महीने की सैलरी देने का वादा

अमेजन ने भारत में शुरू की कर्मचारियों की छँटनी (फोटो क्रेडिट-जी बिजनेस)

दुनियाभर में मंदी की आहट के बीच कई दिग्गज कम्पनियाँ अपने कर्मचारियों की छँटनी कर रही है। इसी क्रम में कुछ समय पहले अमेजन ने भी दुनियाभर से करीब 18,000 कर्मचारियों की छँटनी की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेजन ने अब भारत में अपने कर्मचारियों की छँटनी शुरू कर दी है। कंपनी नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों को इमेल से इसकी सूचना दे रही है। हालाँकि कंपनी ने निकाले जाने वाले कर्मचारियों को कई बेनिफिट्स के साथ 5 महीने की सैलेरी देने का भी वादा किया है।  

उल्लेखनीय है कि अमेजन के सीईओ एंडी जेसी ने हाल ही में एक ब्लॉग लिखकर बताया था कि कंपनी दुनियाभर में 18,000 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 1 लाख कर्मचारी अमेजन में काम करते हैं और इस घोषणा के बाद यहाँ के 1 प्रतिशत यानी 1000 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। उन्होंने ब्लॉग में बताया था कि कंपनी ने कोरोना महामारी के दौरान अधिक कर्मचारियों की भर्ती कर ली थी और अब इनकी छंटनी की जा रही है। सीईओ ने कहा था कि अर्थव्यवस्था की अनिश्चित स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया जा रहा है।

उन्होंने अपने ब्लॉग में यह भी कहा था कि कंपनी इस बात को जानती है कि इस फैसले से लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसलिए कंपनी ने फैसला किया है कि निकाले जाने वाले कर्मचारियों को कुछ महीने की सैलेरी, हेल्थ सुविधाएँ और अन्य मदद मुहैया कराई जाएगी। हालाँकि ऐसे ही मदद की घोषणा ट्वीटर ने अपने कर्मचारियों की छंटनी के वक्त की थी लेकिन कई खबरों के अनुसार अभी तक निकाले गए कर्मचारी को कोई पैसे या सुविधा नहीं मिली है।

वहीं जेसी ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि कंपनी निकाले गए कर्मचारियों से 18 जनवरी के बाद बातचीत करेगी। एक खबर के अनुसार अब कंपनी के कई कर्मचारी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर कंपनी से निकाले जाने की सूचना दे रहे हैं। कंपनी के कर्मचारी ट्वीटर और लिंकइंड पर इसकी सूचना दे रहे हैं कि उन्हें अमेजन से निकाल दिया गया है और वह कहीं और काम करने के लिए तैयार हैं। खबर बताती है कि गुरुग्राम, बेंगलुरु समेत अन्य जगहों के कर्मचारियों की छंटनी हुई है। सबसे ज्यादा छंटनी उन विभागों में की गई है जो घाटे में चल रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया