नहीं आता गैजेट्स चलाना, आशीष नेहरा ने दिखा दिया कागज़-कलम से भी आ सकती है ट्रॉफी: IPL जीतने वाले पहले भारतीय कोच, RCB ने निकाल दिया था

IPL जीतने वाले पहले भारतीय कोच हैं आशीष नेहरा

आशीष नेहरा IPL की ट्रॉफी जीतने वाले पहले भारतीय कोच हैं। उन्होंने बिना किसी लैपटॉप-फोन या फैंसी डेटा के ये कर दिखाया। आशीष नेहरा के बारे में बताया जाता है कि वो आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल नहीं करते और यहाँ तक कि वो सोशल मीडिया पर भी सक्रिय नहीं हैं। ‘गुजरात टाइटंस’ के लिए खिलाड़ियों की नीलामी से लेकर टीम को विजेता बनाने तक, उनका प्रदर्शन शानदार रहा। कप्तान हार्दिक पंड्या और अन्य खिलाड़ियों के साथ उनकी बॉन्डिंग भी मस्त रही।

IPL के 15 वर्षों के इतिहास में आशीष नेहरा से पहले किसी भी ट्रॉफी विजेता टीम का कोच भारतीय नहीं रहा, सभी विदेशी ही थे। आशीष नेहरा ने ये कर दिखाया और खुद को एक सफल मेंटर के रूप में स्थापित किया है। यहाँ तक कि टीम के कप्तान हार्दिक पंड्या ने भी इस जीत का लगभग पूरा श्रेय उन्हें ही दिया। पहली बार IPL में आई ‘गुजरात टाइटंस’ की जीत पर पंड्या ने कहा कि आने वाली नस्लें इस जीत को याद रखेंगी और इस पर चर्चा करेंगी।

पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज आशीष नेहरा को अक्सर कागज़-कलम के साथ मैचों में देखा जाता था। वो मोबाइल-लैपटॉप या आईपैड पर नहीं, बल्कि कागज़ पर कलम से चीजें नोट करते रहते थे और रणनीति बनाते थे। जहाँ प्रत्येक टीम में मैनेजमेंट को गैजट्स के साथ देखा जाता है, आशीष नेहरा ने बता दिया कि पेन-पेपर का इस्तेमाल कर के भी टूर्नामेंट जीते जा सकते हैं। उन्हें कभी गुस्से में नहीं देखा गया। वो डगआउट में रिलैक्स्ड नजर आते थे।

स्पिनर अमित मिश्रा ने भी उनकी तारीफ़ की। इसके अलावा सोशल मीडिया पर फैंस भी उनकी तारीफों के पुल बाँध रहे हैं। आशीष नेहरा के बारे में साथी खिलाड़ी कहते हैं कि वो कभी दबाव में नहीं आते और हमेशा हँसी-मजाक करते रहते हैं। भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाले गैरी कस्टर्न भी ‘गुजरात टाइटंस’ से जुड़े हुए थे, लेकिन हेड कोच के रूप में टीम प्रबंधन ने आशीष नेहरा पर भरोसा जताया। आमिर खान ने भी IPL फाइनल के बाद एक कार्यक्रम में उन्हें गुजरात की जीत का मुख्य आर्किटेक्ट बताया।

इससे पहले ‘रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु’ सहित कुछ अन्य टीमों ने आशीष नेहरा को अपना हेड कोच नहीं बनाया था। एक नई टीम ने उन पर भरोसा जताया। RCB ने उन्हें हटा दिया था तो उन्होंने शर्त रखी थी कि वो बतौर मुख्य कोच ही किसी टीम से जुड़ेंगे। RCB ने 2018 में उन्हें गेंदबाजी कोच बनाया था। नीलामी के बाद लोगों ने आशीष नेहरा की आलोचना करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय टीमों से बाहर हो चुके खिलाड़ियों पर उन्होंने भरोसा जताया है और ऐसे युवा खिलाड़ी लिए, जो प्रभावी नहीं हैं। अब इन अटकलों पर विराम लग गया है।

आशीष नेहरा को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स चलाने नहीं आता। उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि पत्नी के बहुत कहने पर उन्होंने एक स्मार्टफोन खरीदा था। वो मैच के दौरान अक्सर नारियल-पानी पीते हुए और खिलाड़ियों को सलाह देते हुए देखे जाते थे। चार बार न्यूजीलैंड के स्टीफेन फ्लेमिंग, तीन बार श्रीलंका के महेला जयवर्धने और दो बार ऑस्ट्रेलिया के ट्रेवर बैलिस टूर्नामेंट जीत चुके हैं। टॉम मूडी, रिकी पोंटिंग, जॉन राइट, डैरेन लेहमैन और शेन वॉर्न एक-एक बार बतौर कोच चैंपियन बने। अब आशीष नेहरा इस सूची में शामिल हुए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया