देश मणिपुर के साथ, शांति से ही निकलेगा समाधान: लाल किले से PM मोदी, लखपति दीदी और विश्वकर्मा योजना लाएगी सरकार

PM मोदी ने लाल किले से 10वीं बार किया देश को संबोधित (फोटो साभार: @PMOIndia का ट्विटर अकाउंट)

पूरा देश आज 77वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 10वीं बार लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। इससे पहले पीएम मोदी ने राजघाट जाकर महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि दी। वह राष्ट्र के नाम संबोधन दे रहे हैं। संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करने की बात कही। बताया कि देश की 2 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य उनकी सरकार ने रखा है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इन महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए ‘लखपति दीदी’ की योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने यह भी गारंटी दी कि अगले 5 साल में भारत दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल होगा।

मणिपुर की हिंसा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में जो हिंसा का दौर चला उसमें कई लोगों का अपना जीवन खोना पड़ा। माँ-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा देश मणिपुर के लोगों के साथ है। देश मणिपुर के लोगों को पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को आगे बढ़ाएँ। शांति से ही इसका रास्ता निकलेगा। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर इन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है।

अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मेरे प्रिय 140 करोड़ परिवारजन। जनसंख्या की दृष्टि से हम विश्व में नंबर एक है। इतने विशाल देश के हमारे परिवारजन आज हम आजादी का पर्व मना रहे हैं। कोटि-कोटि जनों को देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, सम्मान करने वाले कोटि कोटि जनों को मैं इस पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँ।”

PM मोदी ने कहा है, “मैं उन सभी बहादुर दिलों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। इस कालखंड के फैसले हजार साल के स्वर्णिम इतिहास लिखेंगे। आज 15 अगस्त पर महान क्रांतिकारी श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती भी है। यह वर्ष स्वामी दयानंद सरस्वती का 150वीं जयंती का वर्ष भी है। यह वर्ष मीराबाई भक्ति योग की सिरमौर 525 वर्ष का पावन वर्ष है। इस बार जब हम 26 जनवरी मनाएँगे तो वह हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगाँठ होगी।”

उन्होंने आगे कहा है, “हम जो भी फैसला करेंगे, वह 1000 साल तक हमारे भाग्य को लिखने वाला है। मैं देश के बेटे बेटियों को कहना चाहूँगा, जो सौभाग्य आज मिला है, शायद ही किसी का नसीब होता है, जिसे ये मिला हो। इसे गवाना नहीं है। मुझे युवा शक्ति पर भरोसा है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में तीन पहले स्टार्टअप इकोसिस्टम में स्थान दिला दिया है। दुनिया को भारत की इस ताकत को देखते हुए अचंभा हो रहा है। भारत ने जो कमाल किया है, वो दिल्ली-मुंबई चेन्नई तक सीमित नहीं है। टियर 2 और टियर 3 सिटी के नौजवान भी भाग्य गढ़ रहे हैं। देश का ये जो सामर्थ्य नजर आ रहा है। वो छोटे शहरों से बाहर आ रहा है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि भारत का सामर्थ्य और विश्वास नई बुलंदियों को पार करने वाली हैं। आज देश को जी-20 समिट की मेहमाननवाजी का मौका मिला। जी-20 के देशभर के कोने में अलग अलग आयोजन हुए हैं। इससे सामान्य मानवीय के सामर्थ्य का दुनिया के सामने परिचय हुआ है। भारत को जानने-समझने की जरूरत बढ़ी है। भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत रुकने वाला नहीं है। कोरोना काल के बाद दुनिया नए सिरे से सोचने लगी है।”

उन्होंने आगे कहा है, “मैं विश्वास से देख रहा हूँ कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने जो आकार लिया था, कोरोना के बाद ग्लोबल ऑर्डर, नया पॉलिटिकल इक्वेशन आगे बढ़ रहा है। इसके जरिए परिभाषाएँ बदल रही हैं। बदलते हुए विश्व को आकार देने में 140 करोड़ भारतीयों का सामर्थ्य नजर आ रहा है। आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं। कोरोना में लोगों ने आपके सामर्थ्य को पहचाना है। आज वर्ल्ड ऑर्डर तय करने में गेंद हमारे पाले में है। इस मौके को छोड़ना नहीं चाहिए।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया