ऑस्ट्रेलिया की ओर से क्रिकेट खेलने वाला एकमात्र मुस्लिम खिलाड़ी करने लगा गाजा का समर्थन, ICC ने बजाई पुंगी तो कहा – अब नहीं करूँगा

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट उस्मान ख्वाजा (फोटो साभार : ESPNCRICINFO)

इजरायल द्वारा गाजा पर की जा रही कार्रवाई का विरोध करने के लिए हाल में ऑस्ट्रेलियाई खिलाडी उस्मान ख्वाजा काली पट्टी पहनकर क्रिकेट खेलने मैदान में उतरे। उन्होंने ये हरकत पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच के वक्त की, जिसे देख आईसीसी ने उन्हें फटकार लगाई।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा को आईसीसी ने कपड़े और उपकरण विनियमों के खंड एफ का उल्लंघन करने के लिए फटकारा। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पर्थ में हुए पहले टेस्ट के दौरान ऐसा करने के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी।

आईसीसी के नियमों के अनुसार, खिलाड़ी अपने कपड़ों या उपकरणों पर किसी भी व्यक्तिगत संदेश को प्रदर्शित करने से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और आईसीसी से अनुमति लेना आवश्यक है। ख्वाजा ने ऐसा नहीं किया, इसलिए आईसीसी ने उन्हें फटकार लगाई है।

दीन के लिए कुछ भी?

बता दें कि उस्मान ख्वाजा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पहले मुस्लिम हैं। उन्होंने बिना हमास की हरकत को देखे उस इजरायल का विरोध कर दिया, जिन्होंने आतंकी संगठन हमास के खात्मे को अपना मकसद और इस युद्ध को अपने वजूद का सवाल बताया है।

जूतों पर लिखा था गाजा के लिए संदेश

अजीब बात यह है कि फिलीस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को 2 महीने हो चुके हैं। ऐसे में उस्मान ख्वाजा को अब अचानक याद आया है कि उन्हें विरोध करना है। इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ पर्थ में हुए टेस्ट मैच से पहले की प्रैक्टिस में उन्होंने अपने जूते के निचले हिस्से पर कई रंगों से लिखा था, “सभी जिंदगियाँ बराबर हैं। (All Lives Are Equal) और आजादी लोगों का अधिकार है (Freedom is Human Right)।”

इस पर भी काफी विवाद हुआ था। तब, आईसीसी ने उन्हें चेतावनी दी कि वो ऐसे जूता नहीं पहन सकते। इसके विरोध में उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट लिखी और कहा कि वो आईसीसी से इस बारे में बात करेंगे। हालाँकि पर्थ टेस्ट में वो विवादित जूते तो पहनकर मैदान में नहीं उतरे, लेकिन उन्होंने बिना अनुमति के ही बाँह पर काली पट्टी बाँधी।

आईसीसी ने क्या कदम उठाया?

उस्मान ख्वाजा इजरायल का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने गाजा के आतंकियों पर बमबारी की। उन्होंने इस विरोध को करने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के मैदान का इस्तेाल किया। उनकी इस हरकत के बाद आईसीसी ने उन्हें फटकारा है। अगर वह ऐसा लगातार 4 बार करते हैं तो आईसीसी सजा के तौर पर मैच फीस का 75 पर्सेंट जुर्माना उनपर ठोंक सकते हैं।

उस्मान ख्वाजा ने क्या कहा?

उस्मान ख्वाजा ने आईसीसी की सुनने के बाद कहा है कि वो अगली बार ऐसा नहीं करेंगे। उनके मुताबिक ऐसा करने के पीछे कोई राजनीतिक संदेश नहीं था, बस ‘मानवता’ का था। वह कहते हैं कि पहले भी कई खिलाड़ी ऐसा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें तो आईसीसी ने कोई सजा नहीं दी।

हालाँकि वो अब ऐसा नहीं करेंगे। उस्मान ख्वाजा ने पहले टेस्ट मैच में पहली पारी में 41 रन और दूसरी पारी में 90 रन बनाए थे। पर्थ टेस्ट के बाद आईसीसी द्वारा जारी की गई एक संदेश में कहा गया था कि ख्वाजा ने ऐसा करने से पहले कोई अनुमति नहीं ली थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया