Sunday, June 15, 2025
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ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा ने इजरायल के विरोध में पहना जूता, ICC ने लगाया बैन तो काला बैंड पहन कर उतरे खेलने: कहा – गाजा मेरे दिल के करीब है

उनकी यह जूते पहने फोटो वायरल हुई थी। इसके बाद क्रिकेट की प्रशासक संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) के अधिकारियों ने ख्वाजा को बताया था कि वह इन जूतों को पहन कर प्रैक्टिस या फिर आगामी टेस्ट मैच में नहीं जा सकते।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा खुल कर इजरायल पर हमला करने वाले गाजा के समर्थन में आ गए हैं। उस्मान ख्वाजा ने इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैच से पहले अपने जूते पर एक सन्देश लिखा था जो कि गाजा से सम्बंधित था। उस्मान ख्वाजा ऑस्ट्रेलिया के लिए ओपनिंग करते हैं। 36 वर्षीय उस्मान ख्वाजा मूल रूप से पाकिस्तानी हैं। उनका जन्म 1986 में पाकिस्तान में हुआ था।

उस्मान ख्वाजा ने पाकिस्तान से होने वाले टेस्ट से पहले प्रैक्टिस सेशन के दौरान अपने जूते के निचले हिस्से पर कई रंगों से लिखा था, “सभी जिंदगियाँ बराबर हैं। (All Lives Are Equal) और आजादी लोगों का अधिकार है। (Freedom is Human Right)” उस्मान के जूतों पर लिखा यह सन्देश गाजा से सम्बंधित था। उस्मान इजरायल का गाजा के आतंकियों पर बमबारी विरोध कर रहे थे जो कि गाजा से इजरायल पर हुए आतंकी हमले के बाद चालू हुई थी।

उनकी यह जूते पहने फोटो वायरल हुई थी। इसके बाद क्रिकेट की प्रशासक संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) के अधिकारियों ने ख्वाजा को बताया था कि वह इन जूतों को पहन कर प्रैक्टिस या फिर आगामी टेस्ट मैच में नहीं जा सकते। यह उनके नियमों के विरुद्ध है।

दरअसल, ICC खिलाड़ियों के कपड़े, जूते या अन्य माध्यम से फील्ड पर खेलने के दौरान कोई सन्देश नहीं प्रसारित कर सकते जो राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय हो। ख्वाजा के जूतों पर लिखी बाद राजनीतिक श्रेणी में आती है। ख्वाजा ने ICC के इस फैसले पर अपना विरोध जताया है।

36 वर्षीय ख्वाजा ने इसके पश्चात एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है, जिस्मने उन्होंने ICC से लड़ने की बात कही है। उन्होंने इस फैसले को लेकर मतभेद प्रकट किया। उन्होंने 2 मिनट लम्बे इस वीडियो में कहा, “मैं ज्यादा नहीं कहूँगा, मुझे जरूरत नहीं है। लेकिन मैं जो भी लोग मेरे जूतों पर लिखे सन्देश से आहत हुए हैं, उनको प्रश्न पूछना चाहिए कि क्या सबके लिए जीवन बराबर नहीं है या आज़ादी सबके लिए नहीं है।”

आगे उन्होंने जूते पर लिखी बातों के ऊपर कहा, “मेरे जूतों पर लिखा सन्देश राजनीतिक नहीं है। मैं यहाँ किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूँ। मेरे लिए लोगों की जिन्दगी बराबर है। एक यहूदी की जिन्दगी मुस्लिम के बराबर है और हिन्दू के भी। मैं उनकी आवाज उठा रहा हूँ जो बोल नहीं सकते। गाजा मेरे दिल के करीब है।”

इसके बाद उन्होंने कहा, “ICC ने मुझे कहा है कि मैं वह जूते नहीं पहन सकता क्योंकि उनके दिशानिर्देशों के अंतर्गत यह एक राजनीतिक सन्देश है। मुझे नहीं लगता यह है। यह एक मानवीय अपील है। मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूँ लेकिन मैं लडूँगा।”

इसके बाद 14 दिसम्बर, 2023 को पाकिस्तान के खिलाफ चालू हुए पहले टेस्ट के दौरान बैटिंग के लिए उतरे ख्वाजा अपनी बाँह पर एक काला बैंड बाँध कर उतरे। इस पर अभी ICC का कोई निर्णय नहीं आया है। उनका यह बैंड भी गाजा में आतंकियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई को लेकर सन्देश था। उस्मान ख्वाजा इससे पहले भी गाजा को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहे हैं।

हालाँकि यह कोई पहली बार नहीं है कि मुस्लिम खिलाड़ियों ने क्रिकेट में गाजा जैसे मुद्दों को लाने का प्रयास किया हो। इससे पहले इंग्लैंड के क्रिकेटर मोईन अली भी गाज़ा को समर्थन करने वाले बैंड पहनने से रोके गए थे। यह वर्ष 2014 में हुआ था। गाजा मुद्दे के अलावा पाकिस्तानी खिलाड़ियों के फील्ड पर नमाज पढ़ने को लेकर भी प्रश्न उठाए जाते रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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