कल रात इंग्लैण्ड के विश्व कप जीतने के बाद उनके जश्न में कुछ ऐसा हुआ जो एक ही साथ हास्यास्पद भी था और आधुनिक समाज, प्रगतिशील मूल्यों के बीच गहराई तक पैवस्त इस्लामी रूढ़िवाद का जीता-जागता सबूत भी। और इस घटना के सांकेतिक महत्व का अंदाज़ा इस चीज़ से लगाया जा सकता है कि इमाम तौहीदी भी इस पर टिप्पणी करने से खुद को नहीं रोक पाए।
शैम्पेन से भागे क्रिकेटर
यह तो आम जानकारी है कि इस्लाम में मदिरा को हराम मानते हैं। इस मजहब के बहुत से अनुयायी इसके सेवन से अपने मज़हबी आग्रह के चलते बचते भी हैं। लेकिन ब्रिटिश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी मोईन अली और आदिल राशिद इस आग्रह को एक ही नहीं, कई कदम आगे ले गए। जब उनके साथी खिलाड़ी बेयरस्टॉ और प्लंकेट जीत की ख़ुशी मनाते हुए शैम्पेन उड़ाने लगे तो दोनों शैम्पेन के स्पर्श से भी बचने के लिए गिरते-पड़ते दूर भागते नज़र आए।
इमाम ने ली चुटकी
इस्लाम और इस्लामी समाज के कट्टरपंथ से लड़ने के लिए जाने जाने वाले ईरानी-ऑस्ट्रेलियाई इमाम मोहम्मद तौहीदी ने भी इस पर चुटकी ली। इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि इसको देखने के बाद उनकी हँसी रोके नहीं रुक रही है।
https://twitter.com/Imamofpeace/status/1150590198268354560?ref_src=twsrc%5Etfwइस्लामी मामलों के ‘जानकार’ शराब को लेकर एकमत हैं। उनका मानना है कि यह शैतान का काम है। वे AIDS के पीछे की वजह भी शराब ही बताते हैं। यही वजह है कि कट्टर इस्लामी अनुयायी शराब से दूर रहते हैं। मोईन अली और आदिल रशीद का भागना भी इसी ओर इशारा कर रहा है।