कोलकाता की दुर्गा पूजा बनीं UNESCO की ‘अमूर्त विरासत’, पीएम मोदी ने कहा- ‘यह हर भारतीय के लिए बड़े ही गर्व और खुशी की बात’

कोलकाता की दुर्गा पूजा UNESCO की 'अमूर्त विरासत' सूची में शामिल

कोलकाता की विश्च प्रसिद्ध दुर्गा पूजा को यूनेस्को (UNESCO) ने बुधवार (15 दिसंबर 2021) को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Heritage) के रूप में मान्यता दी। शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र के निकाय यूनेस्को ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसको लेकर संदेश भी जारी किया है। उन्होंने लिखा, “कोलकाता की दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है। भारत को बधाई।”

जानकारी के अनुसार, 13 से 18 दिसंबर 2021 तक फ्रांस के पेरिस में आयोजित होने वाली Intergovernmental Committee के 16वें सत्र के दौरान कोलकाता दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची (UNESCO’s Representative List of Intangible Cultural Heritage of Humanity) में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को के कोलकाता की दुर्गा पूजा को हेरिटेज सूची में शामिल करने की घोषणा के बाद खुशी व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट किया, “यह हर भारतीय के लिए बड़े ही गर्व और खुशी की बात है। दुर्गा पूजा हमारी सर्वश्रेष्ठ परंपराओं और मूल्यों को प्रदर्शित करती है। हर व्यक्ति को कोलकाता की दुर्गा पूजा का आनंद उठाना चाहिए।”

बता दें कि कोलकाता के साथ देश के विभिन्न राज्यों में दुर्गा पूजा उत्सव मनाया जाता है। बंगाल के हर जिले में दुर्गा पूजा (Durga Puja) के पंडाल (Pandal) बनाए जाते हैं। ये पंडाल अलग-अलग थीम पर बनाए जाते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया