महाराष्ट्र में बारिश से हाहाकार: 2 दिन में 129 लोगों की मौत, 70 से अधिक हैं गायब

रायगढ़ के तलीये गाँव में चट्टान खिसकने से 36 लोगों की मौत

महाराष्ट्र के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। बारिश की वजह से पिछले दो दिनों में 129 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पुणे मंडल के तहत 84,452 लोगों को शुक्रवार (23 जुलाई 2021) को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। वहीं कुछ लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। जानकारी के अनुसार 70 लोग गायब बताए जा रहे हैं।

बता दें कि पिछले 24 घंटों में रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा में हुई भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों ने जान गँवा दी है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अलावा नौसेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है। ज्यादातर मौतें रायगढ़ और सतारा जिलों से हुई हैं।

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रायगढ़ जिले के महाड़ तहसील के तलीये गाँव में पहाड़ से चट्टान खिसकने के चलते भीषण हादसा हो गया। जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई। यह चट्टान खिसक कर लोगों के घरों पर जा गिरी। इसके चलते पूरा गाँव में तबाही मच गई। चट्टान गिरने से गाँव के 35 घर इसके नीचे दब गए। आशंका जताई जा रही है कि मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोग दबे हो सकते हैं।

वहीं मुंबई में एक मकान गिरने से चार लोगों की मौत हुई व सात घायल हुए हैं। इसके अलावा सतारा व रायगढ़ में अलग-अलग घटनाओं में 28 लोंगों की जान चली गई है। महाबलेश्वर, नवाजा, रत्नागिरी, कोल्हापुर में भारी बारिश ने बाढ़ का रूप ले लिया और सैकड़ाें गाँवों से संपर्क टूट गया है।

पूर्वी मुंबई के गेवांडी के शिवाजी नगर इलाके में मकान गिर जाने से 15 लोग मलबे में दब गए जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है जिनमें 11 लोग बुरी तरह घायल थे, सबको दो अलग-अलग अस्पताल पहुँचाया गया है।

वहीं सातारा की पाटण तहसील में पहाड़ी की तराई में बसे आंबेघर में आधी रात को हुए भूस्खलन से बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई, 15 लोग घायल हैं। मीरागांव में एक मकान के मलबे में दबे 8 लोगों की मौत हुई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चिपलून के अपरांत कोविड हॉस्पिटल में पानी घुसने से वेंटिलेटर पर इलाज करवा रहे आठ मरीजों ने दम तोड़ दिया। हालाँकि कलेक्टर बी एन पाटिल ने बताया कि चार लोग वेंटिलेटर पर थे। अत्यधिक बरसात की वजह से अपरांत अस्पताल में बिजली चली गई थी, जिससे वेंटिलेटर पर जो मरीज थे उनकी हालत खराब हो गई और 4 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 4 अन्य की मौत शायद ट्रॉमा की वजह से हो गई। अपरांत अस्पताल में 22 अन्य मरीज को स्थानांतरित कर दिया गया है।

कोंकण रेलवे ट्रैक के सेक्शन भी बह गए। कोंकण रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि मडगाँव में दो ट्रेनें फँसी हुई हैं। शनिवार तक लाइन के चालू होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में लगातार भारी बारिश होने के साथ रत्नागिरि जिले में भूस्खलन होने के बाद 10 लोगों के मलबे में फँसे होने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि अकेले कोल्हापुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 40,882 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। कोल्हापुर जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में पाँच लोगों- राधानगरी में दो, चांदगढ़ में दो और कागल तहसील में एक की मौत हो गई।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना के लेकर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। वहीं घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने भूस्खलन में मरने वाले लोगों के परिजन को पाँच-पाँच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

राज्य में लोगों को बारिश से कोई राहत मिलती नहीं नजर आ रही है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो पहले से बारिश से सराबोर हैं। IMD ने ‘अत्यधिक भारी’ बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है और एहतियाती उपायों की सिफारिश की है। महाराष्ट्र में भारी बारिश के कहर के बीच भारतीय सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए अपनी टीमें तैयार की हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया