PhonePe को मिलेंगे $1 अरब: वॉलमार्ट के कदम से बढ़ेगा पेमेंट बाज़ार में भारतीय दबदबा

भारत के पेमेंट बाज़ार में क्या बदलाव लाएगा यह निवेश?

वॉलमार्ट ने भारत के पेमेंट ऍप फ़ोनपे (PhonePe) में $30 बिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। इस डिजिटल वॉलेट में अमेरिका के रिटेल बाज़ार की धुरंधर कंपनी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 82% करने की फ़िराक में है। वॉशिंगटन पोस्ट और इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इससे वॉलमार्ट के निवेश वाली भारत की ‘यूनिकॉर्न’ ($1 अरब से अधिक बाजार मूल्य की निजी कंपनी) कंपनियों का कुल मूल्य बढ़कर $30 अरब हो गया है

फ्लिपकार्ट पहले ही

डेढ़ साल पहले वॉलमार्ट ने $16 अरब में फ्लिपकार्ट में 77% हिस्सेदारी खरीदी थी। उस समय यह भारत की किसी स्टार्टअप कंपनी में हुए सबसे बड़े विदेशी निवेशों में गिना गया था। दिलचस्प बात यह है कि फ़ोनपे का स्वामित्व भी फ्लिपकार्ट के ही हाथों में है। फ्लिपकार्ट ने इसे दो साल पहले हासिल किया था

वॉलमार्ट के इस प्रस्तावित निवेश के बाद फ़ोनपे का कुल अनुमानित बाजार मूल्य (valuation) $10 अरब तक जा पहुँचने की उम्मीद की जा रही है।

फ्लिपकार्ट के बाहर देखने की तैयारी

फोनपे के हालिया कमाई के आँकड़ों को देखें तो अपनी ‘स्वामी’ कंपनी फ्लिपकार्ट की छाया में से निकलने के लिए यह तैयार दिख रही है। जहाँ तीन साल पहले तक फ़ोनपे के इस्तेमाल में फ्लिपकार्ट से खरीददारी कुल खरीद की 50% के आस-पास होती थी, वहीं अब फ़ोनपे के कुल इस्तेमाल का केवल 0.5% फ्लिपकार्ट के लिए होता है।

वहीं फ्लिपकार्ट की ओर से भी फ़ोनपे को कोई विशेष प्रोत्साहन मिलता नहीं दिख रहा है। फ्लिपकार्ट की हालिया बिग बिलियन डेज़ सेल में फ़ोनपे के इस्तेमाल के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहन देने वाली कोई ख़ास स्किम नहीं दिखी। भुगतान के कई सारे विकल्पों की भीड़ में ही फ़ोनपे की भी जगह थी।

बढ़ेगी पेमेंट बाजार की होड़?

फ़ोनपे की इस उपलब्धि से डिजिटल पेमेंट बाजार में स्पर्धा बढ़ना तय माना जा रहा है। उक्त रिपोर्ट में उसकी डिजिटल वॉलेट सेगमेंट की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी पेटीएम (Paytm) को भी सॉफ़्टबैंक समेत निवेशकों से $2 अरब की फंडिंग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे पेटीएम का भी अनुमानित मूल्य $16 अरब के आसपास हो जाएगा। इससे इन कंपनियों में नई आकर्षक स्कीमों की होड़ शुरू होने की उम्मीद है।

इसके अलावा गूगल का गूगल पे (Google Pay) और WhatsApp के प्रस्तावित पेमेंट ऍप भी इन दोनों के वृहत्तर डिजिटल पेमेंट बाज़ार में प्रतियोगी हैं। इकोनॉमिक टाइम्स ने WhatsApp और Google Pay के विदेशी मूल को रेखांकित करते हुए उम्मीद जताई है कि PhonePe और Paytm से उत्पन्न गति भारत के आईटी सेक्टर में वही तेज़ी लाएगी जो दो दशक पहले TCS, विप्रो, इंफ़ोसिस आदि की शुरुआत में आई थी। विदेशी कंपनियों के सामने PhonePe और Paytm कितना टिक पातीं हैं, यह बताएगा कि भारतीय सॉफ्टवेयर सेक्टर ‘पश्चिम के डिजिटल मजदूर’ का तमगा उतार कर आम भारतीयों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर डालने वाले सॉफ्टवेयर बनाने की दौड़ में कहाँ खड़ा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया