नए कस्टमर्स नहीं बना सकेगा ‘पेटीएम’: रिजर्व बैंक ने ऑडिट का दिया आदेश, नवंबर 2021 में स्टॉक मार्केट में हुआ था लिस्टेड

पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने 23 मई, 2017 को परिचालन शुरू किया था।

ऑनलाइन पेमेंट बैंक पेटीएम के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी कार्रवाई की है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को तत्काल प्रभाव से नए कस्टमर्स नहीं बनाने का आदेश दिया है। साथ ही पेटीएम को अपने आईटी सिस्टम का ऑडिट करने के लिए ऑडिट फर्म नियुक्त करने का निर्देश भी दिया है।

इसको लेकर आरबीआई ने शुक्रवार (11 मार्च 2022) को प्रेस रिलीज जारी की है। इसके मुताबिक, शीर्ष बैंक ने पेटीएम के खिलाफ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत कार्रवाई की है।

रिजर्व बैंक के नोटिस में कहा गया, “भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अन्य बातों के साथ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को शामिल करने को रोकने का निर्देश दिया है। बैंक को अपने आईटी सिस्टम का व्यापक सिस्टम ऑडिट करने के लिए एक आईटी ऑडिट फर्म नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है।”

इसमें आगे कहा गया, “पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड आईटी ऑडिट परीक्षण के बाद आरबीआई की इजाजत के बाद ही नए कस्टमर्स को शामिल किया जा सकेगा। रिजर्व बैंक ने यह कार्रवाई पेटीएम में देखी गई कुछ चिंताओं के आधारित है।” हालाँकि, इस कार्रवाई के बारे में अभी तक पूरी जानकारी नहीं सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम को इस साल जून तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक छोटे वित्त बैंक (SFB) लाइसेंस की उम्मीद थी। हालाँकि, ऐसा नहीं लगता है कि इसके कारण RBI ने यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि पेटीएम की शुरुआत 23 मई 2017 को शुरू हुआ था। कंपनी पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक का एक छोटे लोन देने वाले बैंक के रूप में कायापलट कंपनी को बड़ा बिजनेस मॉडल बनाने की इजाजत देगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर 2022 में पेटीएम को स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक हुआ था। शुरुआती पब्लिक ऑफरिंग भारत के पूँजी बाजार के इतिहास में सबसे बड़ी थी।

विजय शेखर शर्मा पेटीएम के संस्थापक और सीईओ हैं। उन्होंने इसे 2010 में इसकी शुरू किया था, लेकिन ये धीरे-धीरे ही चल रहा था। बाद में जब नोटबंदी के बाद डिमोनोटाइजेशन शुरू हुआ, तो ऑनलाइन लेनदेन बढ़ा, जिससे कंपनी को इसका फायदा मिला।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया