मुस्लिम महिलाएँ मुजफ्फरनगर में बनवा रहीं ‘मोदी मंदिर’, कहा- पीएम ने बदल दी जिंदगी

मुस्लिम महिलाएँ PM मोदी के लिए बनवा रही हैं मंदिर (साभार: swarajyamag.com)

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर ज़िले में मुस्लिम महिलाओं का एक संगठन प्रधानमंत्री मोदी को समर्पित एक मंदिर का निर्माण करवा रहा है। इस संगठन का नेतृत्व कर रही रूबी गज़नी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं की ज़िंदगी की बेहतरी के लिए कई काम किए हैं, इसलिए वे इस सम्मान के हक़दार हैं।

रूबी गज़नी ने कहा,

“तीन तलाक़ पर प्रतिबंध लगाकर प्रधानमंत्री हमारे जीवन में एक बहुत बड़ा बदलाव लाए हैं। उन्होंने हमें उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिलाए। घर भी मुहैया करवाया है। अब उनसे और कोई क्या चाहेगा।”

ख़बर के अनुसार, महिलाओं ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया भर में सम्मानित किया जा रहा है। ऐसे में उन्हें अपने देश में भी सम्मानित किया जाना चाहिए।” महिलाओं के संगठन ने ज़िलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर उनका मंदिर बनवाने के बारे में जानकारी दी है।

रूबी गज़नी ने बताया कि हम सब मुस्लिम महिलाएँ अपना पैसा इकट्ठा करके नरेंद्र मोदी जी का मंदिर बनवा रही हैं। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिम महिलाएँ मोदी जी के साथ हैं। उन्होंने अच्छे-अच्छे काम किए हैं। जिन लोगों के पास घर नहीं था, उन्हें घर दिया है। लोगों के कच्चे मकान पक्के बनवाए हैं। जिनके पास सिलेंडर नहीं था उन्हें सिलेंडर दिए गए हैं और काफ़ी सारी योजनाएँ हैं जो मोदी जी ने मुस्लिम समाज के लिए की हैं।

इससे पहले भी मुस्लिम समाज की महिलाएँ प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और उनके फ़ैसलों का समर्थन कर चुकी हैं। किसी ने उन्हें भाई का दर्जा देकर राखी भेजी तो कभी तीन तलाक़ को ख़त्म करने के उनके फ़ैसले को सराहा गया।

मई में, लखनऊ की रहने वाली एक 33 साल की मुस्लिम महिला ने तीन तलाक़ देने की वजह से अपने पति के ख़िलाफ़ कोर्ट केस किया था। यह पहला मौका था, जब उसने अपने परिवार की इच्छा के ख़िलाफ़ कोई फ़ैसला लिया था। ब्यूटीशियन का काम करने वाली इस महिला ने कहा था कि वो लोकसभा चुनाव 2019 में 6 मई को परिवार के ख़िलाफ़ जाकर बीजेपी को वोट देगी

गत वर्ष कॉन्ग्रेस के लिए प्रचार करने वाली इस महिला ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था कि मोदी सरकार ने तीन तलाक़ की प्रथा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की हिम्मत तो दिखाई, कोई दूसरी पार्टी तो इस बारे में बात तक नहीं करती।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया