भाई ने कर ली आत्महत्या, परिवार ने 10 दिनों तक छिपाई बात: IPL के ग्राउंड में चमका टेम्पो ड्राइवर का बेटा, सहवाग भी हुए मुरीद

22 साल के चेतन सकारिया उभरते भारतीय तेज़ गेंदबाजों में से एक हैं

1987 में क्रिकेट वर्ल्ड कप पहली बार इंग्लैंड से बाहर (भारत व पाकिस्तान में) खेला गया था। तब चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हैट्रिक लेकर ODI में ऐसा कारनामा करने वाले पहले भारतीय बने थे। वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाले वे दुनिया के पहले बॉलर थे। लेकिन, आज हम उस चेतन की बात नहीं कर रहे। हम बात कर रहे हैं चेतन सकारिया की, जिन्हें राजस्थान रॉयल्स ने IPL में 1.20 करोड़ रुपए में खरीदा था।

सोमवार (अप्रैल 12, 2021) को पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुकाबला हुआ। सभी की नजरें क्रिस गेल पर थीं, लेकिन 28 गेंदों पर 40 रन उनके कद के हिसाब से एक औसत पारी ही थी। ये मैच कप्तानों के नाम रहा। पहले बैटिंग करते हुए पंजाब के कप्तान KL राहुल ने 50 गेंद पर 91 रनों की पारी खेली, तो 221 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान के युवा कप्तान संजू सैमसन ने 63 गेंदों पर 119 रन ठोके।

हालाँकि, वो अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके और राजस्थान रॉयल्स लक्ष्य से मात्र 4 रन पीछे रह गई। पंजाब की तरफ से 6 छक्के लगा कर 28 गेंदों पर 64 रनों की पारी खेलने वाली दीपक हुड्डा की धूम रही, जिन्हें अप्रत्याशित रूप से नंबर-4 पर प्रमोट किया गया था। लेकिन, जहाँ हर बॉलर को रन पड़ रहे थे, उस वानखेड़े स्टेडियम में एक और सितारा चमका। राजस्थान ने वैसे तो 20 ओवर के मैच में 8 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया, लेकिन चेतन सकारिया का प्रदर्शन शानदार रहा।

उन्होंने 4 ओवर में 31 रन देकर 3 विकेट झटके। पंजाब के दोनों ओपनरों को उन्होंने ही चलता किया। इस पूरे मैच में जिन 13 बॉलरों को आजमाया गया, उनमें 1 ओवर फेंकने वाले रियान पराग को छोड़ दें तो चेतन सबसे किफायती गेंदबाज रहे। खास बात ये है कि ये उनका पहला ही मैच था। वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज ने उनकी तारीफ़ की है। सिराज, सैनी, नटराजन, प्रसिद्ध कृष्णा और कार्तिक त्यागी वगैरह के साथ अब वो नए उभरते भारतीय तेज़ गेंदबाजों की सूची में जुड़ गए हैं।

बाएँ हाथ के तेज़ गेंदबाज चेतन सकारिया गुजरात के राजकोट में स्थित एक छोटे से शहर वारतेज से आते हैं। यूँ तो वो एक बल्लेबाज बनना चाहते थे, लेकिन स्कूल में अटेंशन पाने के लिए उन्होंने गेंदबाज बनने की प्रैक्टिस शुरू की। 16 वर्ष की उम्र तक उन्हें कोई कोचिंग नहीं मिली और वो खुद ही सीखते रहे। पहले वो टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करते थे। गेंदबाजी में वे जहीर खान और इरफ़ान पठान के एक्शन को कॉपी करते थे।

कूच बिहार ट्रॉफी में 6 साल पहले सौराष्ट्र की तरफ से 6 मैच में 18 विकेट लेने के बाद उनका नाम लोगों के सामने आया। इसके बाद ‘MRF पेस फाउंडेशन’ के अंतर्गत उन्हें दिग्गज पूर्व तेज़ गेंदबाज ग्लेन मैग्रा की निगरानी में ट्रेनिंग का मौका मिला। उनके पिता का व्यापार ठप्प होने के कारण पिछले कई सालों से वो अपने घर में कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। उनके मामा ने क्रिकेट में उनका शुरुआती खर्च उठाया था।

बदले में वो भावनगर में अपने मामा की स्टेशनरी की दुकान पर काम करते थे। मार्च 2020 में सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी जीती और यहीं से IPL के चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी। IPL की नीलामी में उन्हें अच्छी खबर तो मिली, लेकिन इससे तीन सप्ताह पहले ही उनके छोटे भाई ने आत्महत्या कर ली थी। एक टेम्पो ड्राइवर के बेटे चेतन कहते हैं कि बचपन में वो उस तरह की मस्ती नहीं कर पाए, जैसा बाकी बच्चे करते हैं।

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जब उन्हें 4000 रुपए के जूते की ज़रूरत थी तो विकेटकीपर बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने उनसे कहा कि वो उन्हें आउट करने में सफल रहते हैं तो वो उन्हें जूते दे देंगे। तब जाकर कहीं उन्हें खेलने के लिए स्पाइक्स वाले जूते मिले। शेल्डन को पता था कि उन्हें जूतों की ज़रूरत है, इसीलिए उन्होंने अपने हिसाब से मदद की। जब उनके भाई ज़िंदा थे, तब सारी जिम्मेदारी वही निभाते थे। रेंट से लेकर समान खरीदने तक, भाई ने हर चीज में मदद की।

परिवार ने चेतन सकारिया से 10 दिनों तक छिपा कर रखा था कि उनके भाई की मौत हो गई है, ताकि उनके खेल पर कोई असर ना पड़े। तब वो ‘मुश्ताक अली ट्रॉफी’ में खेल रहे थे, जहाँ वो छठे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। भाई की मौत के बाद जब भी चेतन उनसे बात करने की इच्छा जाहिर करते, परिवार कोई न कोई बहाना बना देता था। अब चेतन और उनके परिवार का सपना राजकोट में एक घर का है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया