चाँद पर फिर हुई विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग, 40 CM की लगाई छलांग: ISRO ने कहा- इससे मानव मिशन को मिलेगी मदद

चाँद पर फिर हुई विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग (फोटो साभार: ISRO)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चाँद पर भेजे गए विक्रम लैंडर की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कराई है। इसे इसरो की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। वैज्ञानिकों ने विक्रम लैंडर को लेकर ‘हॉप प्रयोग’ किया। इसके तहत लैंडर 40 सेंटीमीटर की छलाँग लगाते हुए 30-40 सेंटीमीटर की दूरी तय की है।

इसकी जानकारी देते हुए इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट की है। इसमें लिखा है, “चंद्रयान -3 मिशन: विक्रम लैंडर की चंद्रमा पर फिर से सॉफ्ट लैंडिंग हुई है। विक्रम लैंडर ने अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। यह सफलतापूर्वक एक हॉप (उछलने की प्रक्रिया) प्रयोग से गुजरा। कमांड देने पर इसने इंजन चालू किए। उम्मीद के मुताबिक खुद को लगभग 40 सेमी ऊपर उठाया और फिर 30 – 40 सेमी की दूरी पर सुरक्षित रूप से लैंडिंग की।”

इसरो ने इस पोस्ट में विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के महत्व को बताते हुए आगे लिखा है कि यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भविष्य में सैंपल रिटर्न यानी चाँद की सतह से सैंपल लाने वाले मिशन और मानव मिशन में मदद मिलेगी। इस समय विक्रम लैंडर के सभी हिस्से सही ढंग से काम कर रहे हैं। छलांग लगाने से पहले विक्रम लैंडर के रैंप, चास्टे और इल्सा पेलोड्स को बंद कर दिया गया था। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद फिर से चालू कर दिया गया।

‘सो गया’ चंद्रयान

चंद्रमा में अब रात हो चुकी है। इसलिए चंद्रयान-3 काम नहीं कर सकेगा। ऐसे में उसे स्लीप मोड में डाल दिया गया है। 14 दिन की रात पूरा होने के बाद वहाँ फिर से दिन होगा। इसके बाद चंद्रयान-3 के फिर से काम करने की उम्मीद है। इसको लेकर इसरो ने एक बयान जारी कर कहा था कि रोवर को जो काम सौंपा गया था वो पूरा हो गया है। इसलिए अब उसे स्लीप मोड में डाला गया है। उसके पेलोड बंद कर दिए गए हैं। डेटा को लैंडर के जरिये वैज्ञानिकों को भेज दिया गया है और उसके पेलोड्स बंद कर दिेए गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया