चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बनेगा भारत: चंद्रयान-2 के लिए उल्टी गिनती शुरू

चंद्रयान-2 लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह तैयार है

भारत के चंद्रयान-2 मिशन के लिए काउंट डाउन शुरू हो गया है। इसकी लॉन्चिंग सोमवार (जुलाई 15, 2019) को 2.51 AM पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से होगी। यह यान 6 या 7 सितंबर के आसपास चाँद की सतह पर उतरेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इसरो ने यह मिशन बड़े शक्तिशाली देशों से भी सस्ते में पूरा किया है। जहाँ इजराइल ने अपने चन्द्रमा मिशन में 1400 करोड़ रुपए ख़र्च किए थे, चीन को इसी प्रकार के मिशन में 1200 करोड़ रुपए ख़र्च आए थे। जबकि, भारत के चंद्रयान-2 में कुल 978 करोड़ रुपए का ख़र्च आया है।

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बता दें कि GSLV Mk III भारत का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्चर है और इसे पूरी तरह से भारत में निर्मित और डिज़ाइन किया गया है। लॉन्च के समय चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क से संपर्क साधने में सफल होगा। चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था, जो चंद्रमा की कक्षा में घूमता था। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब चाँद की सतह पर भारत का लैंडर उतरेगा।

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भारत एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। भारत चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला पहला राष्ट्र बन जाएगा। यह यान 16 दिनों तक यह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चाँद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी। चंद्रयान-2 कुल 27 दिनों तक चाँद की कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा।

अभी तक दुनिया के पाँच देश ही ऐसे हैं, जिन्होंने चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफलता पाई है। ये देश हैं – अमेरिका, रूस, यूरोप, चीन और जापान। इसके बाद भारत यह कारनामा करने वाला छठा देश होगा। हालाँकि, रोवर उतारने के मामले में भारत विश्व का चौथा देश होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया