‘2014 में 4 शहरों में मेट्रो थी, आज 18 में है’: ड्राइवरलेस ट्रेन के उद्घाटन पर PM मोदी, देश की पहली ऐसी सर्विस

पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में सोमवार (दिसंबर 28, 2020) को भारत की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन का उद्घाटन किया। 37 किलोमीटर लंबी मेजेंटा लाइन पर जनकपुरी वेस्ट से बोटैनिकल गार्डन तक ये मेट्रो ट्रेन चलेगी। साथ ही एयरपोर्ट एक्सप्रेस लेन पर ‘नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC)’ सेवा की शुरुआत भी हुई। अब मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच पिंक लाइन पर 57 किलोमीटर तक एक और ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन सेवा 2021 के मध्य तक शुरू हो जाएगी।

3 वर्ष पहले मेजेंटा लाइन का उद्घाटन भी पीएम मोदी ने ही किया था। अब इसी लाइन पर उन्होंने ऑटोमेटेड मेट्रो ट्रेन की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि अब नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है। पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी और अब इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दशक पहले जब शहरीकरण का असर और इसका भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था, तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे भविष्य की ज़रूरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें एक ऐसा अवसर पैदा करना है, जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर, जिससे हम ‘इज ऑफ लिविंग’ बढ़ा सकते हैं। सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है। उन्होंने आँकड़े गिनाए कि 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी, जबकि आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। उन्होंने घोषणा की कि वर्ष 2025 तक इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने की योजना है।

बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RRTS- (दिल्ली मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा। उन शहरों में जहाँ यात्री संख्या कम है, वहाँ मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। जिन शहरों में सवारियाँ और भी कम हैं वहाँ पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है।

ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह ही वाटर मेट्रो पर काम चल रहा है, जो आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। उन्होंने जानकारी दी कि रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुँच गई है। प्रधानमंत्री ने कहा:

“आज चार बड़ी कंपनियाँ देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनियाँ मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे ‘Make in India’ के साथ ही आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है। आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएँ उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आप जहाँ कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करें, ये एक कार्ड आपको इंटीग्रेटेड एक्सेस देगा। आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है। वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं।”

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इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ‘One Nation, One Fastag’ से देशभर के हाइवे पर ट्रैवल सीमलेस हुआ है। ‘वन नेशन, वन टैक्स’, अर्थात GST से देशभर में टैक्स का जाल समाप्त हुआ है । ‘वन नेशन, वन पावर ग्रिड’ से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है और बिजली का नुकसान कम हुआ है। ‘वन नेशन, वन गैस ग्रिड’ से उन हिस्सों की सीमलेस गैस कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो रही है, जहाँ गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था पहले सपना हुआ करता था।

उन्होंने बताया कि इसी तरह ‘वन नेशन, वन हेल्थ एश्योरेंस स्कीम’, यानी आयुष्मान भारत से देश के करोड़ों लोग, पूरे देश में कहीं भी इसका लाभ ले रहे हैं। ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है। पीएम मोदी ने गिनाया कि इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने ये भी जानकारी दी कि सरकार ऐसे ब्रेकिंग सिस्टम का भी प्रयोग कर रही है, जिनमें ब्रेक लगाने पर 50 प्रतिशत उर्जा वापस ग्रिड में चली जाती है। उन्होंने ऐलान किया कि आज मेट्रो रेल में 130 मेगावाट सोलर पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 600 मेगावाट तक ले जाया जाएगा। ड्राइवरलेस ट्रेन के बारे में उन्होंने कहा कि आज इस उपलब्धि के साथ ही हमारा देश दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहाँ इस तरह की सुविधा मिलेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया