‘नया IT नियम संविधान के खिलाफ, सारे मैसेज ट्रेस करना नामुमकिन: मोदी सरकार के खिलाफ WhatsApp पहुँचा दिल्ली HC

व्हाट्सएप्प ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया (फाइल फोटो साभार: Unsplash)

इंस्टेंट मैसेजिंग एप Whatsapp ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख का रुख किया है। व्हाट्सएप्प ने ‘सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021’ के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके तहत उसे किसी भी संदेश के प्रथम स्रोत का पता लगाना होगा। कंपनी का कहना है कि उसे इसके लिए मध्यस्थ प्लेटफॉर्म्स की ज़रूरत पड़ेगी।

इससे ये पता लगाया जा सकता है किसी भी संदेश को सबसे पहले किसने भेजा था। फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी बार-बार कहती रही है कि ‘Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021’ असंवैधानिक है और लोगों के प्राइवेसी के मूलभूत अधिकारों के खिलाफ है। उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र किया है, जिसमें प्राइवेसी को मूलभूत अधिकार माना गया है।

व्हाट्सएप्प ने कहा है कि अभी वो यूजरों को ‘एन्ड टू एन्ड’ इन्क्रिप्शन की सुविधा प्रदान करता है, जिसके तहत किसी भी मैसेज को बीच में डिकोड नहीं किया जा सकता है और बात संदेश भेजने व पढ़ने वाले के बीच में ही रहती है। उसका कहना है कि भारत सरकार का नया नियम ‘एन्ड तो एन्ड इन्क्रिप्शन’ के खिलाफ जाता है, क्योंकि इससे प्राइवेट कंपनियाँ लोगों का डेटा जुटा कर उसे स्टोर कर के रख लेंगी।

Whatsapp ने कहा कि नए नियम के बाद ‘किसने क्या कहा और किसने क्या शेयर किया’ जैसे सैकड़ों करोड़ संदेशों के डेटा रोज जमा किए जा सकते हैं, ताकि कानूनी एजेंसियों के इस्तेमाल में लाया जा सके। उसने इसे गलत बताया। साथ ही इस नियम के लागू होने पर रोक लगाने की भी अपील की। Whatsapp ने कहा कि इस नियम को न मानने पर उसके कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा हो सकता है, इसीलिए इस पर रोक लगाई जाए।

बता दें कि इस नियम के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मंगलवार (मई 25, 2021) तक का समय दिया गया था। फेसबुक और ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी ये नियम मानने हैं। Whatsapp ने कहा कि यूजर्स बड़े स्तर पर कॉपी-पेस्टिंग में लगे रहते हैं, इसीलिए करोड़ों मैसेज का फिंगरप्रिंट रखना और उनके स्रोत को ट्रेस करना नामुमकिन है। फेसबुक ने कहा कि वो नए IT नियमों का पालन करेगा और इसके लिए भारत सरकार से बात कर रहा है।

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बता दें कि ये नियम डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के आम उपयोगकर्ताओं को उनके अधिकारों के उल्लंघन के मामले में उनकी शिकायतों के समाधान होने और इनकी जवाबदेही तय करने के लिए बनाए गए हैं। संसदीय समिति ने भी आपत्तिजनक कंटेंट्स के मूल निर्माता की पहचान को सक्षम बनाने की सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप और गैंगरेप की तस्वीरों, वीडियो तथा साइट को खत्म करने के लिए दिशानिर्देश तय करने को कहा था।

इससे पहले केंद्र सरकार ने एक बार फिर से इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप्प को नोटिस भेजा था। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने Whatsapp से एक बार फिर से कहा था कि वो अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को वापस ले। इससे पहले व्हाट्सएप्प ने बड़ी चालाकी से अपने नए अपडेट को कुछ दिनों के लिए रोक दिया था लेकिन अब इस महीने में वो फिर से उसे वापस लेकर आया है। उसने कहा था कि वो मई 15, 2021 तक इसे रोक रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया