राम मंदिर पर फैसले के बाद मेरठ के मुस्लिम बहुल इलाकों में माहौल खराब करने की कोशिश, 10 गिरफ्तार

सांकेतिक तस्वीर

सालों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्राय: हर जगह शांति व्यवस्था कायम रही, लेकिन कुछ जगहों पर पुलिस को सख्ती भी दिखानी पड़ी। उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन में मुस्ल‍िम बहुल इलाकों में शांत‍ि भंग करने की कोश‍िश की गई। जिसे पुल‍िस ने नाकाम कर द‍िया।

मामले में पुलिस ने कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी को शांति भंग करने की कोशिश के आरोप में आईपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया। फैसला आने के तकरीबन एक महीने पहले से ही पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और सुरक्षा-व्यवस्था को भी चाक-चौबंद रखा गया है। तमाम राजनेताओं और धर्मगुरूओं ने फैसला आने से पहले और फैसला आने के बाद भी शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। 

अपील के बावजूद मेरठ के मुस्लिम बहुल इलाके में अराजतक तत्वों की शरारतें देखने को मिली। हालाँकि सुरक्षाा-व्यवस्था पर नजर रख रही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया है। बता दें कि मेरठ जोन में कई ऐसे इलाके हैं, जो मुस्लिम बाहुल्य हैं। नोएडा से भी पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने इस संबंध में कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा के ल‍िए सदैव तत्पर है। हमने सोशल मीडिया की भी पूरे दिन मॉनिटरिंग की और अभी भी कर रहे हैं। किसी को भी कानून तोड़ने और शांति भंग करने पर बख्शा नहीं जाएगा।”

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले ऐहतियात के तौर पर कई शहरों में इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं। फैसले को देखते हुए न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के कई हिस्सों में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने जिले भर में 8 नवंबर की रात 12 से 9 नवंबर की रात 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ बंद रखने का आदेश दिया था। इसके अलावा अलीगढ़ स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी सभी कक्षाएँ रद्द कर दी गई हैं। यूनिवर्सिटी से जुड़े स्कूल 11 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं।

राम मंदिर पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले शुक्रवार (नवंबर 8, 2019) रात से ही यूपी प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर आ गया था। सुरक्षा के मद्देनजर पूरी अयोध्या नगरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया। साथ ही अयोध्या में अर्धसैनिक बलों के 4000 जवानों को तैनात किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया