5 बंगालियों को घर से घसीटकर निकाला और मारी गोली, 15 दिन में 11 हत्याएँ

प्रतीकात्मक चित्र

जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में दूसरे राज्य से आए लोगों पर हमले की वारदातें बढ़ गई हैं। मंगलवार (अक्टूबर 29, 2019) को आतंकियों ने इस तरह के सातवें हमले को अंजाम देते हुए पश्चिम बंगाल के 5 मजदूरों की हत्या कर दी। ये घटना कुलगाम के कटरासु में हुई। घाटी में पिछले 15 दिनों में 11 लोगों की हत्या कर दी गई है। ये सभी दूसरे राज्यों के लोग थे। ताज़ा घटना में मारे गए सारे मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के बाशिंदे थे। ये सभी किराए के घर में रहते थे। आतंकियों ने उन्हें घर में घुस कर घसीटते हुए बाहर निकाला और फिर गोली मार दी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस क्रूर हत्याकांड से वो सदमे में हैं और मृतकों के परिवारों पर जो गुजर रही है, उसे सिर्फ़ बातों से दूर नहीं किया सकता। उन्होंने मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने की बात कही। ममता ने कहा कि वो इस घटना से काफ़ी आहत हैं।

https://twitter.com/MamataOfficial/status/1189262337846448129?ref_src=twsrc%5Etfw

इस घटना के बाद से कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवान इलाक़े को घेर कर तलाशी अभियान में लगे हुए हैं। इस घटना में एक अन्य मजदूर के गंभीर रूप से घायल होने की बात भी पता चली है। वहीं 3 अन्य मजदूर गायब बताए जा रहे हैं। ये सभी लोहार और मिस्त्री के तौर पर काम करते थे। हमला ऐसे वक़्त में हुआ जब यूरोपियन पार्लियामेंट का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर है। पैनल में शामिल सांसदों ने डल झील में नाव की सवारी की और स्थानीय लोगों से बातचीत की।

ताज़ा हमले में मारे गए मजदूरों के नाम हैं- शेख कमरुद्दीन, शेख मोहम्मद रफ़ीक, शेख मुरसुलीन, शेख निजामुद्दीन और मोहम्मद रफीक शेख। वहीं, जहरउद्दीन गंभीर रूप से घायल है। इस घटना के 1 दिन पहले ही विदेशी डेलीगेशन के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से अवगत कराया था और भारत सरकार द्वारा शांति स्थापने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की थी।

https://twitter.com/AdityaRajKaul/status/1189233768764190721?ref_src=twsrc%5Etfw

इससे पहले सोमवार (अक्टूबर 28, 2019) को भी आतंकियों ने एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर दी थी। उधमपुर स्थित कटरा के निवासी नारायण दत्त छठे ट्रक ड्राइवर थे, जिन्हें अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद जान गँवानी पड़ी है। नारायण दत्त पर ये हमला बिजबेहरा के कनिलवान इलाक़े में हुआ। आतंकियों ने उन पर गोली चलाई, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। वहाँ 2 अन्य ट्रक ड्राइवर भी थे, जिनकी जान को ख़तरा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकरी ने तुरंत घटनास्थल पर पहुँच कर अन्य ट्रक ड्राइवरों की जान बचाई।

इससे पहले छत्तीसगढ़ के एक ईंट-भट्ठा मजदूर की भी हत्या कर दी गई थी। उधर यूरोपियन पैनल ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैन्य अधिकारियों से भी मुलाक़ात की, जिन्होंने पाकिस्तान पोषित आतंकवाद को लेकर उन्हें जानकारियाँ दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया