आफताब पर पुलिस थर्ड डिग्री प्रयोग नहीं कर सकती, कोर्ट ने आदेश दिया: श्रद्धा खोज रही थी अपने ‘पार्टनर’ का गुस्सा कम करने की दवा

आफताब पर अपनी लिव इन पाटर्नर श्रद्धा की निर्मम हत्या का आरोप है (फाइल फोटो)

दिल्ली की महरौली में हुए श्रद्धा मर्डर केस में आफ़ताब की कस्टडी रिमांड देते हुए कोर्ट ने पुलिस को सख्त हिदायतें दी हैं। इन हिदायतों में आरोपित पर थर्ड डिग्री प्रयोग न करना भी शामिल है। पुलिस को इन्हीं 5 दिनों के अंदर ही आफताब का नार्को टेस्ट भी करवाना होगा। इसी के साथ पुलिस को आफ़ताब का मेडिको लीगल केस (MLC) भी नियमों के मुताबिक बनाना होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 18 नवम्बर 2022 (शुक्रवार) को आफ़ताब का और 5 दिनों का कस्टडी रिमांड स्वीकृत करते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौर ने ये दिशा निर्देश दिए। उन्होंने केस के जाँच अधिकारी के साथ रोहिणी की फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भी आदेश जारी करते हुए 5 दिनों के भीतर ही आफ़ताब का नार्को टेस्ट करने के लिए कहा।

बेल बजाने से नाराज होता था आफताब

सामने आ रही एक नई जानकारी के मुताबिक आरोपित आफताब को घर में लगी बेल (घंटी) बजने से दिक्कत होती थी। सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार प्रेम कश्यप की एक ग्राउंड रिपोर्ट में आफ़ताब के एक पड़ोसी मिथलेश कुमार ने इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वो आफताब के ही फ़्लैट में 1 माह पहले किराएदार के तौर पर आए थे। मिथलेश ने आगे बताया कि जब उन्होंने पहली बार घर की बेल बजाई थी, तब आफ़ताब काफी नाराज हुआ था।

मिथलेश का दावा है कि घंटी बजने से नाराज हो कर आफ़ताब नीचे उत्तर आया था और दुबारा उन्हें ऐसा न करने की नसीहत दी थी। इसके अलावा मिथलेश का दावा है कि आरोपित काफी रिजर्व रहता था और रात में अपना खाना आदि लेने के लिए घर से बाहर निकलता था। जिस घर में आफताब किराए पर रहता था, वो हरे रंग में रंगा गया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक यहाँ के मकान मालिक से भी पूछताछ चल रही है। ऑपइंडिया के पास वीडियो बयान मौजूद हैं।

आफ़ताब के गुस्से की दवा खोज रही थी श्रद्धा

मुंबई के एक डॉक्टर प्रणव काबरा का दावा है कि श्रद्धा आफ़ताब के गुस्से की दवा खोज रही थी। उन्होंने दावा किया है कि फरवरी 2021 में श्रद्धा ने उन्हें फोन करके बताया था कि उनका पार्टनर काफी गुस्से वाला है, जिसके लिए वो दवा चाहती हैं। डॉक्टर के मुताबिक वो इस बात को भूल चुके थे लेकिन TV पर न्यूज़ चलती देख कर उन्हें सब याद आ गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया