‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ ने लॉकडाउन के दौरान 4 करोड़ लोगों को परोसा भोजन: संकट के दौर में प्रवासियों के लिए उम्मीद की किरण

प्रतीकात्मक तस्वीर

17 लाख से भी अधिक बच्चों का पेट भरने वाली संस्था ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ ने संकट की इस घड़ी में भी लोगों की मदद के लिए आगे आया है। फाउंडेशन ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अब तक 40 मिलियन यानि कि 4 करोड़ भोजन, प्रवासी श्रमिकों को परोसा है।

इसमें 1,72,33,053 पके हुए भोजन परोसे गए, जबकि 5,57,018 आवश्यक खाद्य सामग्री की किट दी गई। एक किट में तकरीबन 42 से 48 लोगों के लिए भोजन की सामग्री होती है।

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अक्षय पात्र फाउंडेशन ने इस दौरान पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और तेलंगाना के साथ ही आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में पके हुए भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध करवाई।

बता दें अक्षय पात्र बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने वाली दुनिया की सबसे बड़ी गैर लाभकारी योजना है। जो देश के 7 राज्यों में 6500 स्कूलों में लगभग 17 लाख स्कूली छात्रों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराती है। अक्षय पात्र योजना को बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ग्लोबल चैंपियनशिप अवार्ड मिला है। ब्रिस्टल में इस सप्ताह आयोजित हुए बीबीसी फूड एंड फार्मिंग अवार्ड समारोह में ‘अक्षय पात्र’ को यह पुरस्कार दिया गया।

बता दें कि यह पुरस्कार उस संस्था या व्यक्ति को दिया जाता है जो दुनिया में खाद्यान्न उगाने, तैयार करने और बेहतर ढंग से इस्तेमाल में लाने के लिए अच्छा काम करते हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले अक्षय पात्र फाउंडेशन पर ‘द हिंदू’ के एक लेख में कीचड़ उछालने की कोशिश की थी, उस दौरान लेखक, वैज्ञानिक और स्वराज्य पत्रिका के स्तम्भकार आनंद रंगनाथन की अपील पर 510 लोगों ने 11 घंटे में अक्षय पात्र फाउंडेशन को ₹21 लाख का दान दिया था। बताया जाता है कि उस समय कुछ ने तो अपनी पॉकेट मनी तक दान कर दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया