अलवर में जहाँ कटती थी गाय उस मंडी को चलाता था वारिस, बना रखा था IPS का फर्जी कार्ड: रिपोर्ट में बताया- सप्लाई के लिए चोरी की गाड़ियों का होता था इस्तेमाल

अलवर में अवैध कब्जे वाली जमीन पर चला बुलडोजर

राजस्थान के अलवर में हाल ही में एक गोमांस मंडी का खुलासा हुआ। किशनगढ़बास स्थित रूंध गिदावड़ा के बीहड़ में मेदावास निवासी इकबाल और वारिस पर इसका संचालन करने का आरोप लगा। अब पुलिस की जाँच में सामने आया है कि इसके मुख्य साजिशकर्ता वारिस ने एक फर्जी IPS वाला कार्ड तक बना रखा था। इस बीफ मंडी को चलाने के लिए उसने हरियाणा और राजस्थान की पुलिस से साँठगाँठ कर रखी थी। इन्होने सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किया, निगम कर्मियों को अपने साथ मिलाया, फिर बिजली कनेक्शन तक ले लिया।

अभी न सिर्फ ये दोनों फरार हैं, बल्कि हब्बी, मन्नान, शाहरुख, साहुन और सोहिल भी अभी फरार चल रहे हैं। इक़बाल को ये जिम्मेदारी दी गई थी कि वो आरोपितों की जमानत से लेकर बीफ सप्लायर तक उपलब्ध कराए। दोनों आरोपितों ने कई वर्षों तक अवैध कमाई कर के बड़े-बड़े मकान तक बनवा रखे थे। रूंध गिदावड़ा में बीफ मंडी चलाई जाती थी। गायों की तस्करी कर उन्हें राजस्थान से हरियाणा लाया जाता था। फिर गायों का क़त्ल कर के उन्हें बीफ सप्लायरों को बेच दिया जाता है।

सप्लाई के लिए चोरी की गाड़ियों और बाइक का इस्तेमाल किया जाता था। गाँव में ही फिर बीफ बिरयानी बनाई जाती थी। सिवायचक में जमीन कब्जे को लेकर पुलिस की ओर से बुलडोजर चलाने की कार्रवाई भी की गई है। वहाँ पर कुल 3000 बीघा जमीन है, जिसमें से 1200 बीघा जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर लिया गया है। मकानों को ध्वस्त किया गया है, बिजली के पोल गिरा कर ट्रांसफॉर्मर हटाए गए हैं और खेती भी नष्ट की गई है। खुद कलक्टर अर्पिता शुक्ला ने इलाके का दौरा किया।

ADM के नेतृत्व में उच्च-स्तरीय जाँच समिति गठित की गई है। पुलिस धर-पकड़ के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रही है। IG उमेश चंद्र दत्ता ने भी इलाके का निरीक्षण किया है और सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। पुलिस की 9 टीमें दबिश दे रही है, 5 आरोपित गिरफ्तार भी हुए हैं। हिन्दू संगठनों ने किशनगढ़बास के तोप चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी आरोपित को नहीं छोड़ा जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया