‘दोस्त’ की मौत के बाद खाने के लाले, बच्चों की पढ़ाई भी छूटी: बुनकर परिवार से निभाया वादा भूल गए आमिर खान, फोन भी नहीं लगता

चंदेरी में कमलेश कोरी का परिवार (बाएँ, फोटो साभार: दैनिक भास्कर), आमिर खान (दाएँ, फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के अशोकनगर स्थित चंदेरी में एक ऐसा परिवार है, जिससे कई वादे कर के आमिर खान भूल गए। आज इस परिवार को खाने के लाले पड़े हैं। दिसंबर 2009 में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘3 इडियट्स’ तो आपको याद ही होगी। यहाँ एक बुनकर को उन्होंने अपना ‘दोस्त’ बनाया था। साथ ही निशानी के तौर पर एक अंगूठी भी दी थी, जिस पर ‘AK’ लिखा हुआ था। उनके घर खाना खाया था और फोन कर के कहा था, “जब भी ज़रूरत हो, इस दोस्त को याद करना।”

उस बुनकर का नाम था कमलेश कोरी, जिनकी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मौत हो गई। ये परिवार चंदेरी से 4 किलोमीटर दूर प्राणपुर में रहता है, जहाँ की झोंपड़ी में कमलेश कोरी की 50 वर्षीय पत्नी कमला बाई रहती हैं। उनके साथ उनका 9 साल का बेटा आशीष, 12 वर्ष की बेटी करिश्मा और 21 साल की संतोषी भी रहती है। संतोषी की मानसिक हालत स्वस्थ नहीं है। कमलेश कोरी की एक बेटी रामवती की शादी हो चुकी है। आर्थिक तंगी की वजह से आशीष और करिश्मा स्कूल भी नहीं जाते।

करीना कपूर ने कुछ दिनों पहले चंदेरी की एक साड़ी में सोशल मीडिया पर तस्वीर भी डाली थी। ये 6000 रुपए की थी, लेकिन आमिर खान ने कमलेश कोरी से इसे 25,000 रुपए देकर खरीदा था। साँस की बीमारी से पीड़ित कमलेश कोरोना की मार बर्दाश्त नहीं कर पाए और 31 मई, 2021 को चल बसे। इलाज का अभाव भी इसका कारण था। लॉकडाउन ने परिवार की आय के सारे द्वार बंद कर दिए। तब 9 साल की रही संतोषी के इलाज का आमिर खान ने वादा किया था, लेकिन आज 13 वर्षों बाद भी उन्होंने इस परिवार की कोई सुध नहीं ली।

‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, आमिर खान के दिए नंबर पर जब इस परिवार ने फोन किया तो नहीं लगा। कमला बाई का कहना है कि अगर आमिर खान अपना वादा निभाते हुए मदद कर दें तो न सिर्फ उनकी बेटी का इलाज हो जाएगा, बल्कि बच्चे पढ़-लिख भी लेंगे। उम्र ज्यादा होने के बावजूद वो कभी साड़ी तो कभी बीड़ी बना कर परिवार का गुजर-बसर कर रही हैं। आमिर खान का दिया एक कागज है पास में, जिसमें उनके हस्ताक्षर के साथ लिखा है – ‘मेरी शुभकामनाएँ हमेशा आपके साथ हैं। बहुत बहुत प्यार!’

आमिर खान और करीना कपूर ‘3 इडियट्स’ की शूटिंग के दौरान साड़ी की बुनाई देखने उनके घर आए थे। एक बार आमिर खान के बुलावे पर कमलेश कोरी मुंबई गए थे, लेकिन थोड़ी आर्थिक मदद के सिवा और कुछ नहीं मिला। अंगूठी देते हुए आमिर ने लिखा था कि ये मेरी निशानी है, जो हमेशा आपको मेरी याद दिलाएगी। मुंबई में आमिर खान के साथ चंदेरी के बुनकरों के लिए एक शोरूम खोलने की भी बात हुई थी, लेकिन आज तक इस पर काम नहीं हुआ। अभिनेता आज भी इस परिवार के लिए ‘अनरिचेबल’ हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया