खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का सहयोगी गिरफ्तार, निहंगों की वेशभूषा में साथियों संग मिल कर लूटी थी कार

कार चोरी और लूट के आरोप में अमृतपाल सिंह का साथी गिरफ्तार (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के एक कथित सहयोगी को कार चोरी और लूट के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान सुखमिंदर सिंह के रूप में हुई है। वह पंजाब के मोगा जिले के डोढीके गाँव का रहने वाला है। गिरफ्तारी सोमवार (13 मार्च, 2023) को हुई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 मार्च 2023 को देर रात सुखमिंदर सिंह ने अपने 5 अन्य साथियों के साथ मिलकर अमृतसर में लूट की घटना को अंजाम दिया था। आरोप है कि सुखमिंदर और उसके साथियों ने करणवीर सिंह उर्फ विक्की नामक व्यक्ति के साथ मारपीट कर उसकी हुंडई आई20 कार, पर्स और मोबाइल छीन लिया था। अपने बयान में पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि निहंगों के कपड़े पहने 6 लोगों ने उसके साथ लूट की है।

हालाँकि इस मामले में अब तक पुलिस ने कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन, रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपित अमृतपाल सिंह का सहयोगी है। यह नहीं, सुखमिंदर ने दावा किया है कि वह अमृतसर केवल अमृतपाल सिंह के लिए ही आया था। गिरफ्तारी के बाद उसने अपने 5 अन्य सहयोगियों के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी है।

अमृतपाल ने सुखमिंदर को पहचानने से किया इनकार

एक ओर जहाँ सुखमिंदर ने खुद को अमृतपाल सिंह का सहयोगी बताया है। वहीं, दूसरी ओर अमृतपाल सिंह ने सुखमिंदर के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है। उसने कहा है कि यदि कोई उससे मिलता है और बाद में अपराध करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह उसका करीबी है।

बता दें कि अमृतपाल सिंह का पहले से ही राज्य सरकार के साथ कई मोर्चों पर टकराव चल रहा है। हाल ही में, राज्य के अधिकारियों ने उसके सहयोगियों के बंदूक के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। इसके अलावा, कहा जा रहा है कि अमृतपाल सिंह के एक चाचा हरजीत सिंह का नाम भी उन लोगों की सूची में है जिनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। हरजीत सिंह 23 फरवरी 2023 को अजनाला में हुई हिंसक घटना के दौरान मौके पर मौजूद था।

हथियारों के लाइसेंस रद्द करने को लेकर अमृतपाल सिंह ने कहा है कि सिखों को निहत्था करने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है। उसने कहा है कि जब पंथ को उनकी जरूरत है, तो उन्हें इसके साथ खड़ा होना चाहिए। जनरल शुबेग सिंह की तरह, जिन्होंने जरूरत के समय पंथ का साथ देने का फैसला किया। यह तभी संभव है जब युवा कम उम्र में सिख धर्म का अध्ययन करें। उसने आगे कहा है कि ‘पंथ’ संकट से गुजर रहा है। इसलिए लोगों को गुरूगुरुप्रचार और गुरमत संगत जैसे धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया