भगोड़े अमृतपाल के निकले ISI से संबंध, विदेशी फंडिग का भी खुलासा: 2 दिन में 114 समर्थक गिरफ्तार

खालिस्तानी भगोड़ा अमृतपाल सिंह (फोटो साभार: IndiaToday)

खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा है कि अमृतपाल अब भी फरार है। उसे गिरफ्तार करने के लिए टीमें लगी हुईं हैं। इस मामले में अब तक कुल 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से 5 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। अमृतपाल के ISI से संबंध और उसे विदेशी फंडिंग मिली है इसको लेकर मजबूत संदेह है।

पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा है, “शांति और सद्भाव भंग करने के आरोप में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 78 को पहले दिन गिरफ्तार किया गया। वहीं, दूसरे दिन 24 लोगों को तथा कल रात 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के पास से अब तक 10 हथियार भी बरामद हुए हैं। इसमें 9 राइफल और 1 रिवॉल्वर है।”

उन्होंने आगे कहा है, “गिरफ्तार किए गए चार लोगों को असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया है। इनमें दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भूखनवाला और भगवंत सिंह शामिल हैं। एक और आरोपित अमृतपाल सिंह का चाचा हरजीत सिंह को भी डिब्रूगढ़ भेजा जा रहा है।”

सुखचैन सिंह गिल ने यह भी कहा है कि अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के कुछ लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 6 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से हत्या का प्रयास, पुलिस पर हमला और पुलिस के काम में रुकावट की धाराएँ मुख्य रूप से लगाई गई हैं। जो बुलेटप्रूफ जैकेट और राइफल बरामद की गई हैं और अमृतपाल सिंह के घर के दरवाजे पर एकेएफ (AKF) लिखा हुआ था। इसका मतलब ‘आनंदपुर खालसा फौज’ है। वह इस नाम से जत्थेबंदी बनाने का प्रयास कर रहा था।”

ISI से संबंध

पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने अमृतपाल सिंह के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध और विदेशी फंडिंग की भी बात कही है। उन्होंने कहा है, “अब तक सामने आए तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर हमें आईएसआई के एंगल का बहुत मजबूत संदेह है। हमें विदेशी फंडिंग का भी मजबूत संदेह है। परिस्थितियों को देखते हुए, ऐसा लगता है कि इसमें आईएसआई शामिल है और विदेशी उसे फंडिंग भी मिली है। यह भी सामने आया है कि इसके पूरे ग्रुप को हवाला और विदेशी फंडिंग के जरिए पैसा मिलता था। यह फंडिंग छोटी-छोटी रकम में इनके खातों पर भेजी जाती थी। आगे की जाँच की जा रही है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया