आंध्र प्रदेश पुलिस ने ‘जिन्ना टॉवर’ पर नहीं फहराने दिया तिरंगा, हिन्दू कार्यकर्ताओं की पिटाई: गिरफ्तार भी किया, बैरिकेड्स लगाए

'जिन्ना टॉवर' पर तिरंगा फहराने की कोशिश करने पर गुंटूर पुलिस ने हिंदू वाहिनी के सदस्यों को हिरासत में लिया (फोटो साभार: वीडियो का स्क्रीनशॉट)

आंध्र प्रदेश की गुंटूर पुलिस ने गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2022) के मौके पर ‘जिन्ना टॉवर’ (Jinnah Tower) में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश कर रहे हिंदू वाहिनी के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में आप देख सकते हैं कि हिंदू वाहिनी के सदस्य, जिन्होंने हाथों में तिरंगा लिया हुआ है, पुलिस उन पर बल का प्रयोग कर रही है। वे लोग भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगा रहे हैं। पुलिस ने टॉवर के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और बैरियर लगा दिए हैं, जिससे वहाँ कोई भी प्रवेश ना कर सके।

अपने ही देश में भारत का तिरंगा झंडा नहीं फहराने देने पर नेटिज़न्स काफी आक्रोशित हैं। सोशल मीडिया यूजर्स गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘जिन्ना टॉवर’ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश कर रहे भारतीय नागरिकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि भारत में अभी भी जिन्ना के नाम पर एक मीनार और एक घेरा क्यों है?

गुंटूर में हिंदू वाहिनी के सदस्य जिस ‘जिन्ना टॉवर’ पर तिरंगा झंडा फहराने का प्रयास कर रहे थे, उसका नाम पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के नाम पर रखा गया है। इसकी उत्पत्ति के बारे में एक कहानी यह है कि जिन्ना के प्रतिनिधि लियाकत अली खान ने स्वतंत्रता पूर्व गुंटूर का दौरा किया था। खान का अभिनंदन तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के नेता एसएम लाल जन बाशा के दादा लाल जन बाशा ने किया था। उन्होंने ही इस मुस्लिम लीग के नेता के सम्मान में एक टॉवर बनवाया था, जिसे आज ‘जिन्ना टॉवर’ के नाम से जाना जाता है। टॉवर को छह खंभों पर खड़ा किया गया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस टॉवर को कथित तौर पर महात्मा गाँधी रोड पर शांति और सद्भाव के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया है।

बता दें कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के भाजपा नेताओं ने लगातार गुंटूर के ‘जिन्ना टॉवर’ का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने की माँग उठाई थी। गुंटूर पुलिस द्वारा टॉवर पर तिरंगा फहराने को कोशिश कर रहे हिंदू कार्यकर्ताओं को जबरन हिरासत में लेने के कारण विवाद बढ़ गया है। भाजपा प्रदेश इकाई के नेताओं ने इस टॉवर का नाम बदलने की माँग करते हुए कहा था कि 75 साल बाद भी एक ‘गद्दार’ के नाम पर टॉवर का नाम होना देश का अपमान है।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव, वाई सत्य कुमार और तेलंगाना के भाजपा विधायक राजा सिंह ने पहले ‘जिन्ना टॉवर’ का नाम एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की माँग की थी। वाई. सत्य कुमार ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से उस समय टॉवर को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर सवाल किया है, जब गुंटूर में 102 साल पुराने भगवान राम मंदिर को तोड़ा जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया