रामतीर्थम पहुँची भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की नई प्रतिमा, धड़ से अलग कर दिया गया था 400 साल पुरानी मूर्ति का सिर

रामतीर्थम मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की नई मूर्ति लाई गई (साभार: EPS)

आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में शनिवार (जनवरी 23, 2021) को भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की नई मूर्ति रामतीर्थम मंदिर पहुँची। पुजारियों और अधिकारियों ने मंत्रों के उच्चारण के बीच मूर्ति स्वीकार किया। इस मंदिर में पिछले दिनों उपद्रवियों ने 400 साल पुरानी मूर्ति को खंडित कर दिया था।

उसके तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने काफी कम समय में मूर्तियों को तैयार कर धर्मस्व विभाग के हवाले कर दिया। मूर्तियों को सुरक्षा के बीच एक विशेष कंटेनर से विजयनगरम लाया गया और आंध्र प्रदेश धर्मस्व विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त डी ब्रमरम्बा को सौंप दिया गया। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि तीनों मूर्तियों को एक विशेष जुलूस में मंदिर में ले जाया गया और अगले तीन दिनों यानी 25 से 28 जनवरी तक, 18 पुजारियों के साथ विशेष पूजा की जाएगी।

एसपी, विजयनगरम जिला कलेक्टर और अन्य उच्च अधिकारियों को मूर्ति स्थापना कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। एसपी ने कहा, “हम मंदिर में सुरक्षा बढ़ाकर जॉब शुरू करेंगे।”

भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की 3.5 फीट ऊँची मूर्तियों को बनाने के लिए तमिलनाडु के महाबलिपुरम और कांचीपुरम के बीच पटिमला कुप्पम में स्थित एक खदान से लाए गए काले ग्रेनाइट का उपयोग किया गया है। तीनों मूर्तियों को 12 दिनों के भीतर तराशा गया है। मंदिर अधिकारियों ने 10 दिनों के भीतर मूर्तियों की डिलीवरी के लिए कहा था, लेकिन  SVITSA के मूर्तिकारों ने 15 दिनों का समय माँगा था। हालाँकि उन्होंने 12 दिनों के भीतर मूर्तियों को तराश कर तैयार कर दिया।

इस प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, SVITSA के प्रमुख वेंकट रेड्डी ने कहा, “ब्लैक ग्रेनाइट, जिसे कृष्णा शिला भी कहा जाता है, का उपयोग TTD द्वारा मूर्तियों को गढ़ने के लिए किया जाता है। उसी पत्थर का इस्तेमाल रामतीर्थम मंदिर के लिए राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियों को बनाने के लिए किया गया है।”

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में विजयनगरम जिले के नेल्लीमरला मंडल में एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अज्ञात उपद्रवियों ने भगवान राम की 400 साल पुरानी मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया था। मूर्ति रामतीर्थम गाँव के पास पहाड़ी की चोटी पर स्थित बोडिकोंडा कोदंडाराम मंदिर में विराजमान थी। उपद्रवी ताला तोड़ मंदिर के गर्भगृह में घुसे और और स्वामी कोदंडारामुडु का सिर काटकर अलग कर दिया। मुख्य मंदिर पहाड़ी की तलहटी में है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों आंध्र प्रदेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले की कई घटनाएँ सामने आई हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा गया, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख कर दिया गया। 27 सितंबर को चित्तूर जिले में एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा था। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया