ईस्टर के मौके पर श्री लंका में हुए सिलसिलेवार आतंकी हमले के बाद वहाँ की सरकार ने चेहरा छिपाने वाले हर एक कपड़े को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला बुर्का और हिज़ाब, दोनों शामिल हैं। श्री लंका सरकार की ओर से इस तरह का कदम उठाए जाने के बाद शिवसेना ने इस नियम को भारत में भी लागू करने की माँग करते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लेख लिखा है।
सामना पत्रिका में ‘प्रधानमंत्री मोदी से सवाल, रावण की लंका में हुआ, राम की अयोध्या में कब होगा?’ शीर्षक से लिखे संपादकीय में शिवसेना ने माँग की है कि श्रीलंका की तरह ही भारत में भी बुर्का पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
‘सामना’ की इस माँग पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति व्यक्त करते हुए पलटवार किया है। असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा है, “यह हमारा संवैधानिक अधिकार है, बाकी आप यह हिंदुत्व सब पर नहीं लागू कर सकते हैं। यही लोग कल को बोलेंगे कि आपके चेहरे पर दाढ़ी ठीक नहीं है, आप टोपी मत पहनिए।”
इसके आगे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “आप जींस पहनें, बुर्का पहनें, नकाब पहनें, घूँघट पहनें, आप कुछ न पहनें, ये समझने की जरूरत है। क्योंकि शिवसेना ने गुलाटी मारकर मोदी का हाथ पकड़ लिया, तो उनके पास अब कुछ छिपाने के लिए है ही नहीं, इसीलिए ये बकवास कर रहे हैं। संविधान में इसकी इजाजत है। मुझे दूसरे देशों के बारे में कुछ नहीं कहने की जरूरत है, क्योंकि हिंदुस्तान में संविधान, जो शिवसेना पोपट नहीं समझ सकती है।”