मंदिर के पास समुदाय विशेष को शराब पीने से रोका तो RSS कार्यालय पर हमला: भारत माता की तस्वीर फाड़ी, आगरा में 10 अरेस्ट

आगरा में समुदाय विशेष की 50 लोगों की भीड़ ने संघ कार्यालय पर किया हमला

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) में समुदाय विशेष के लोगों ने शराब पीकर हंगामा करने पर टोकने के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों के साथ मारपीट की, जिसमें 6 लोग घायल हो गए हैं। इन में लोगों को गंभीर चोटें लगी हैं। घटना के बाद संघ और उससे जुड़े संगठनों के लोगों ने थाने का घेराव करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी है।

मामला आगरा के थाना लोहामंडी में आलमगंज चौकी के अंतर्गत संघ कार्यालय का है। भाजपा नेताओं अनुसार, कार्यालय के सामने ही राधा कृष्ण का मंदिर भी है। इसी मंदिर के सामने समुदाय विशेष के लोग जुटकर शराब पीते थे और हंगामा करते थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर के सामने शराब और मांस का सेवन करते हुए देखकर संघ के कार्यकर्ताओं ने उन्हें टोका। इस पर बदमाश वापस लौट गए और 50-70 लोगों के साथ लौटकर हमला कर दिया। इस दौरान भीड़ ने जमकर पथराव भी किया।

इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने कार्यालय में रखी भारत माता की तस्वीर को भी तोड़ दिया। इस दौरान भीड़ कार्यालय में तोड़-फोड़ करती रही। भीड़ के हमले में वहाँ मौजूद विकास गुप्ता और शिवम कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। मामले की जानकारी मिलते ही विधायक सहित तमाम भाजपा नेता पहुँचकर थाने का घेराव किया।

उधर, आगरा दक्षिण के विधायक योगेंद्र उपाध्याय का आरोप है कि कार्यकर्ताओं को उपद्रवी उठाकर ले गए और उनके साथ मारपीट की। आरोप है कि कार्यकर्ताओं को जान मारने की धमकी भी दी गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी सुधीर कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुँचे और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी गयी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसएसपी ने बताया कि आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमला मामले में 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।

उपाध्याय ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर 24 घंटे के अंदर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो इसका खामियाजा पुलिस अधिकारियों को भुगतना पड़ेगा। हालात को देखते हुए बाकी आरोपियों की खोजबीन के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया