‘समय काटने का जरिया बन गया है अदालत को कोसना’: अजीत भारती के खिलाफ चलेगा कोर्ट की अवमानना का मामला, AG ने दी सहमति

पत्रकार अजीत भारती पर 'अदालत की अवमानना' का आरोप

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पत्रकार अजीत भारती के खिलाफ ‘अदालत के अवमानना’ के आरोप में आपराधिक मामला चलाने के लिए अपनी सहमति दे दी है। आरोप है कि कई YouTube सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किए गए एक वीडियो में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया। प्रतीक कुमार नाम के एक अधिवक्ता द्वारा भेजे गए पत्र पर अटॉर्नी जनरल ने ‘कंटेम्प्लट ऑफ कोर्ट एक्ट’ के अनुच्छेद-15 के तहत अपनी सहमति प्रदान की।

इस दौरान केके वेणुगोपाल ने कहा कि अजीत भारती के द्वारा दिए गए बयान अश्लील, निंदापूर्ण और उपद्रवी होने के साथ-साथ अशिष्ट भी हैं। उन्होंने कहा कि बिना किसी शक के ये बातें सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को गिराती है। उनका कहना है कि लोगों का सुप्रीम कोर्ट में जो विश्वास है, उसे अजीत भारती के बयान गंभीर रूप से नीचा दिखाते हैं। केके वेणुगोपाल ने कहा कि अदालत की अवमानना का मामला चलाने के लिए वो पहले ही अपनी सहमति प्रदान कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, “अदालत को कोसना कुछ लोगों के लिए समय काटने का जरिया बन गया है।” बता दें कि ‘न्यायिक अवमानना अधिनियम (Contempt of Courts Act), 1971’ के अनुच्छेद-15 के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए ‘अदालत की आपराधिक अवमानना’ का मामला चलाने के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति अनिवार्य होती है। इसके बाद ही इस पर सुनवाई शुरू होती है। ये दूसरी बार है, जब ‘DOpolitics’ के सह-संस्थापक के विरुद्ध ऐसा मामला चलाने के लिए अटॉर्नी जनरल ने अपनी सहमति दी है।

AG का कहना है कि उस वीडियो में सुप्रीम कोर्ट के सम्बन्ध में कही गई बातें ‘निम्न स्तर’ की थीं। बता दें कि इस वीडियो को अब 5 लाख से भी अधिक लोग देख चुके हैं। AG का कहना है कि इस वीडियो का उद्देश्य स्पष्ट रूप से पूरे न्यायपालिका को बदनाम करना था। इस वीडियो को 24 जून, 2021 को ‘Ajeet Bharti Roasts Supreme Court, High Courts | Rana Ayub, Zubair, Twitter Bail | Karnataka HC’ के साथ यूट्यूब पर डाला गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया