शेख आमेर ने समुदाय में नाम ऊँचा करने के लिए रची थी झूठी ‘जय श्री राम’ की कहानी

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो साभार: Times of India)

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में 3 दिनों के अंदर ही ‘जय श्री राम’ के नारे की एक और झूठी घटना सामने आई है। ताजा मामले में, कथित पीड़ित शेख आमेर ने कथित तौर पर एक झूठी और मनगढ़ंत कहानी बताते हुए कहा कि 4 युवकों ने उससे जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए कहा और उसके मना करने पर उसकी पिटाई की धमकी थी। साथ ही उन लोगों ने उसे वहाँ से जल्दी जाने के लिए कहा। शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद ही आमेर ने अपना बयान से पलट गया। उसने अपना बयान वापस लेते हुए कहा कि उसने अपने समुदाय के सदस्यों के बीच अपना कद बढ़ाने और उससे झगड़ा करने वाले लोगों को सबक सिखाने के लिए मनगढ़ंत कहानी के आधर पर पुलिस से शिकायत की। जिसके बाद मुस्लिम सुमदाय के लोगों ने जमकर हंगामा किया।

तस्वीर साभार: लोकमत

दरअसल, कटकट गेट निवासी शेख आमेर अपने दोस्त आमेर के साथ जोमैटो कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करता है और दोनों 21 जुलाई की रात तकरीबन साढ़े 10 बजे मोटरसाइकिल से आजाद चौक से बजरंग चौक की तरफ जा रहे थे कि तभी वहाँ के एक निजी दवाखाने के सामने से एक कार अचानक से मुड़ गई। इसी बात को लेकर आमेर और उसके दोस्त की कार में बैठे लोगों से मामूली सा विवाद हो गया। जिसके बाद आमेर ने उन लोगों को सबक सिखाने का सोचा और कुछ ही दिन पहले शहर के हुडको कॉर्नर पर घटा घटना को याद करते हुए उसने जय श्री राम न बोलने पर पिटाई की झूठी कहानी बनाई और पुलिस में शिकायत कर दी।

सकल में प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट

आमेर की शिकायत पर पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, वो इंजीनियरिंग के छात्र हैं। पुलिस ने उनकी कार को भी जब्त कर लिया है और उन पर धारा 153A, धारा 295A और धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालाँकि, गिरफ्तार किए गए सभी चार लोगों ने ये स्वीकार किया था कि उनका आमेर और उसके दोस्त के साथ मोड़ पर झगड़ा हुआ था, मगर उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि उनलोगों ने उन दोनों से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए कहा था।

गौरतलब है कि, औरंगाबाद के मदीना होटल में काम करने वाले इमरान इस्माइल ने शुक्रवार (जुलाई 19, 2019) को 10 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि गुरुवार की देर रात जब वो घर जा रहा था तो रास्ते में कुछ लोगों ने उसे रोका और ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया। विरोध करने पर उन लोगों ने इमरान की पिटाई की और जबरदस्ती तीन बार ‘जय श्री राम’ बुलवाया।

हालाँकि, जब पुलिस ने इसकी जाँच की तो पता चला कि घटना को अनावश्यक रूप से सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा था। पुलिस ने सबूतों का हवाला देते हुए कहा था कि इस्माइल के साथ हाथापाई निजी दुश्मनी की वजह से हुई थी और इमरान को बचाने वाले चश्मदीद (गणेश) ने भी यही बात कही थी। गणेश ने भी कहा था कि इमरान के सााथ मारपीट आपसी दुश्मनी की वजह से हुई थी, न कि जय श्री राम न बोलने की वजह से। इससे पहले कम से कम 8 ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जहाँ समुदाय विशेष के लोगों ने झूठ बोल कर पुलिस से शिकायत की कि उन्हें जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ कहने को मजबूर किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया