सोने के आसन पर विराजमान होंगे रामलला, भगवान सूर्य करेंगे अभिषेक: 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में विग्रह की होगी प्राण प्रतिष्ठा

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तारीख का हुआ ऐलान (फोटो साभार: Jagran)

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के दर्शन के लिए करोड़ों भक्त इंतजार कर रहे हैं। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख का ऐलान किया है। 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम गर्भगृह में विराजमान होंगे। इसके अलावा, रामनवमी पर भगवान राम के सूर्य तिलक की भी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं।

दरअसल, श्रीराम की नगरी अयोध्या में उत्तर प्रदेश सर्राफा मंडल एसोसिएशन का प्रांतीय अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई तिथियों पर विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद फैसला लिया गया है कि 22 जनवरी 2024 को यह अनुष्ठान पूर्ण किया जाएगा।

चंपत राय ने यह भी कहा है कि रामलला के विराजमान होने की तिथि सामने आने के बाद अब गर्भगृह का निर्माण सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, रामलला की मूर्ति का निर्माण अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। गर्भगृह के निर्माण में मकराना मार्बल का उपयोग हो रहा है। मंदिर के शिखर, रामलला के आसन और दरवाजे में सोने का उपयोग किया जाएगा। गर्भगृह तक पहुँचने के लिए भक्तों को 34 सीढ़ियाँ चढ़नी होंगी।

राय ने यह भी कहा है कि रामलला की मूर्ति का निर्माण अयोध्या में ही होगा। मूर्ति में भगवान राम के स्वरूप को 5 वर्ष के बालक की तरह दिखाया जाएगा। रामनवमी पर रामलला की मूर्ति के मस्तक पर भगवान सूर्य स्वयं अभिषेक करेंगे। इसके लिए वैज्ञानिक पूरी तैयारियाँ कर चुके हैं। इस प्रक्रिया को सूर्य तिलक का नाम दिया गया है। सूर्य भगवान की किरणें करीब 5 मिनट तक रामलला के मस्तक पर होंगी। इसके लिए किए गए प्रयोग भी सफल हो चुके हैं।

रामलला की जन्मभूमि को भव्य बनाएगा पंचदेव मंदिर

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में बन रहे रामलला के मंदिर में पंचदेव मंदिर का भी निर्माण होना है। इस मंदिर में भगवान गणेश, माँ भवानी, भगवान शंकर, भगवान हनुमान, सूर्य देवता के साथ ही भगवान राम के वनवास के दौरान उनके संपर्क में आई विभूतियाँ भी विराजमान होंगी। इसमें माता शबरी, जटायु, निषाद राज, अगस्त्य मुनि, ऋषि विश्वामित्र, ऋषि वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि और देवी अहिल्या जैसे नाम शामिल हैं।

इसको मंदिर के निर्माण को लेकर, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का कहना है कि पंचदेव मंदिर का निर्माण तीन चरण में होना है। पहले चरण के निर्माण की नींव पड़ चुकी है। पंचदेव मंदिर के निर्माण के बाद श्रद्धालु रामलला के दर्शन और परिक्रमा कर पंचदेव मंदिर में भी पूजा अर्चना कर सकेंगे। इस मंदिर का निर्माण मंदिर के परकोटे में होना है। मंदिर का निर्माण 2025 तक पूरा होने का अनुमान है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया