सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 गुना बढ़ी अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 गुना बढ़ी अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ़ कर दिया है। इसके बाद से अयोध्या शहर में एक नया उमंग देखने को मिल रहा है। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद से अयोध्या में भारी भीड़ जुटने लगी है। इनमें बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है जो पहली पहली बार अयोध्या आए हैं। इनमें सुदूर गुजरात से लेकर उत्तरप्रदेश तक के लोग भी शामिल हैं।

दरअसल 9 नवम्बर को अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जन्मभूमि पर चले आ रहे सदियों पुराने इस विवाद का अंत हो गया। इसके बाद तो जैसे अयोध्या नगरी में श्रद्धालुओं का ताँता लग गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन अयोध्या का कुछ अलग ही नज़ारा था। जिस उत्साह के साथ लाखों लोग इस पर्व पर वहाँ इकठ्ठा हुए वह अद्वितीय था।

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अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा के दिन पहुँचे अनेक श्रद्धालुओं में से एक शिवम कुमार की यह पहली अयोध्या यात्रा थी। बिहार के रोहतास से आए शिवम ने बताया, “यहाँ आते वक़्त मैं बहुत चिंतित था। मैंने और मेरे दो दोस्तों ने राम की इस नगरी में आने की योजना बनाई ताकि मंदिर निर्माण में हम भी कुछ योगदान दे सकें।” शिवम के माथे पर तिलक लगा था और उसने जय श्री राम ​प्रिंटेड पीला कुर्ता पहन रखा था। राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में देने के लिए वह अपने साथ ईंट भी लेकर आया था।

विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले के बाद अचानक से कार्यशाला पहुॅंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा, “शनिवार की रात काफी संख्या में लोग यहॉं पहुॅंचे और उसके बाद से लगातार संख्या बढ़ रही है। अमूमन 1000 लोग रोजाना कार्यशाला आते थे। अब यह संख्या बढ़कर 5000 हो गई है। कारसेवकपुरम् आकर्षण का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है।”

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अयोध्या पहुँची 26 वर्षीय अंजलि सिंह ने बताया कि मीडिया में जैसा दिखाया जाता है, यह शहर उससे कहीं बढ़कर है। मैं उन सब घटनाओं के बारे में जानती हूँ जो मेरे पैदा होने के पहले 1992 में यहाँ घटित हुईं, मगर अब अयोध्या को अब अपने भाईचारे की डोर को टूटने नहीं देना है।

बता दें कि न्यास अयोध्या के कारसेवकपुरम में 1990 से कलाकारों और शिल्पकारों के लिए कार्यशाला चला रहा है। इसमें कलाकारों ने कई पत्थरों और खंभों पर कलाकृतियां उकेरी हैं, इस उम्मीद के साथ, कि जब भी रामलला का मंदिर बनेगा तो इन्हें उसमें लगाया जाएगा। इस कार्यशाला के प्रभारी 79 वर्षीय अन्नू भाई सोमपुरा ने बताया कि रामजन्मभूमि न्यास की योजना के मुताबिक मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और शिखर तक 128 फुट ऊंचा होगा। जिसमें कुल 212 खंभे होंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया