राम मंदिर पर फ़ैसले की उलटी गिनती शुरू: यूपी पुलिस ने दर्ज किए 150 FIR, 20 गिरफ़्तार

राम मंदिर पर कभी भी आ सकता है फ़ैसला (प्रतीकात्मक चित्र, साभार: TOI)

अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट कभी भी फ़ैसला सुना सकता है। अगस्त में शुरू हुई नियमित सुनवाई अक्टूबर में ख़त्म हुई और इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। फ़ैसला सुनाए जाने के बाद सांप्रदायिक तनाव न फैले या फिर हिंसा न हो, इसके लिए यूपी पुलिस ने कमर कसनी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश की पुलिस न सिर्फ़ ग्राउंड पर बल्कि अब सोशल मीडिया पर भी कड़ी नज़र रख रही है। कमलेश तिवारी की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर किए गए सांप्रदायिक टिप्पणियों के कारण यूपी पुलिस इस बार फूँक-फूँक कर क़दम रख रही है।

अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, आईजी क़ानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर इसीलिए कड़ी नज़र रखी जा रही है ताकि राम मंदिर पर फ़ैसले को लेकर कसी भी प्रकार के अफवाह को फैलने से रोका जाए। इसके लिए न सिर्फ़ ऑनलाइन वालंटियर्स बाकि इलाक़े के संभ्रांत लोगों की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि अफवाह फैलाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवई की जाएगी। वहीं उन्होंने आँकड़े गिनाते हुए कहा कि पिछले 15 दिनों में सोशल मीडिया से जुड़े मामलों में 150 से भी अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

प्रवीण कुमार ने बताया कि अब तक 20 से भी अधिक लोगों को विभिन्न धाराओं में गिरफ़्तार किया जा चुका है, जो सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे थे। यूपी पुलिस का कहना है कि अगर तनाव भड़काने की कोशिश की जाती है तो आरोपितों पर रासुका भी लगाया जाएगा। पुलिस ने मुरादाबाद में समाज के प्रबुद्धजनों के साथ बैठक की। आगरा में आईजी स्तर के अधिकारियों को लगातार भ्रमण पर रहने को कहा गया है। पुलिस अधिकारियों को ऐसे लोगों से सम्पर्क बना कर रखने को कहा गया है, जिनकी समाज में स्वीकार्यता ज्यादा हो। अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है।

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आगरा जोन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ए सतीश गणेश ने इंडिया टुडे से कहा कि पुलिस व्हाट्सएप्प ग्रुप्स पर भी कड़ी निगरानी रखेगी। यहाँ तक कि ऐसे ग्रुप्स में शामिल पुलिस कर्मचारियों पर भी निगरानी रखी जाएगी और कोई भी व्यक्ति भड़काऊ बयानबाजी करते धरा जाता है तो उसे तुरंत पूछताछ के लिए थाने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को कुछ लोग क़ानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। 10 नवम्बर को ईद-मिलाद-उल-नबी मनाया जाएगा। ये पैगम्बर मुहम्मद का जन्मदिवस होने के कारण मुस्लिमों के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।

इस दिन कई मजहबी जुलूस निकाले जाएँगे। ऐसे में पुलिस उन सभी लोगों की सूची मँगा रही है, जो जुलूस में शामिल होंगे और कार्यक्रम आयोजित करेंगे। अगर ऐसे जुलूसों में कोई भी तनावपूर्ण गतिविधि होती है तो तुरंत पुलिस को सूचित किए जाने की अपील की जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया