‘टीपू सुल्तान टाइगर था’- कर्नाटक के स्कूलों में अब नहीं होगी ऐसी पढ़ाई, अहोम-करकोटा राजवंश को जानेंगे बच्चे: मदरसों पर बैन की माँग भी

टीपू सुल्तान और मदरसा (फोटो साभार: जागरण/एशियानेट न्यूज)

स्कूली पाठ्य-पुस्तकों में विवादित संदर्भों की पढ़ाई को लेकर कर्नाटक सरकार द्वारा गठित समीक्षा समिति ने टीपू सुल्तान पर अध्याय को बनाए रखने की सिफारिश की है, लेकिन इसके महिमामंडन वाले हिस्से को हटाने की बात कही है। समिति ने पाठ्यक्रमों में मैसूर के वाडियार राजपरिवार, सुरपुर वंश के वेंकटप्पा नायक सहित अन्य शासकों को शामिल करने की सिफारिश की है। दूसरी तरफ, राज्य के भाजपा विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने राज्य में मरदसों को बंद कराने की अपील करते हुए कहा कि इनमें राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को शिक्षा दी जाती है।

रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता वाली स्कूली पाठ्य-पुस्तक समीक्षा समिति ने राज्य सरकार को दिए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 18वीं शताब्दी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान को मैसूर का शेर कहा जाता है। चक्रतीर्थ का कहना है कि ये कोई नहीं जानता की टीपू सुल्तान को यह उपाधि किसने और किस संदर्भ में दी है।

भाजपा विधायक अपाचू रंजन सहित कई हिंदू संगठनों ने टीपू सुल्तान को लेकर आपत्ति जाहिर की थी। इनका कहना था कि वह एक कट्टर इस्लामिक सुल्तान था, जिसने बड़े पैमाने पर हिंदुओं का नरसंहार और उनका धर्मांतरण किया। उसका स्कूली पाठ्यक्रमों में अनावश्यक रूप से महिमामंडन किया गया है। इसके बाद सरकार इस समिति का गठन किया था।

समिति ने वाडियार राजवंश, उत्तर-पूर्व में 600 वर्षों तक शासन करने वाले अहोम राजवंश और कश्मीर पर 300 वर्षों तक शासन करने वाले करकोटा राजवंश को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महर्षि बाल्मिकी के लिए पाठ्यक्रमों में एकवचन का प्रयोग किया गया है, जो अपमानजक है।

इसको लेकर भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने टीपू सुल्तान, औरंगजेब सहित अन्य मुस्लिम शासकों को ‘कट्टर’ बताते हुए शनिवार (26 मार्च 2022) को उन्हें पाठ्यक्रमों से पूरी तरह हटाने की माँग की।

बंद हों राज्य के मदरसे

वहीं भाजपा के विधायक रेणुकाचार्य ने राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मदरसों को बंद कराने और अन्य स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों के अनुसार बनाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन मदरसों में देश विरोधी बातें बताई और पढ़ाई जाती हैं। उन्होंने देश में मदरसों की आवश्यकता पर सवाल उठाया।

कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “मैं कॉन्ग्रेस से पूछना चाहता हूँ कि हिजाब का मुद्दा किसने बनाया, आपने या हमने? क्या वोट बैंक आपके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है? मैं कॉन्ग्रेस से पूछता हूँ कि हमें मदरसों की जरूरत क्यों है? मदरसे क्या प्रचार करते हैं? वे मासूम बच्चों को भड़काते हैं। कल वे हमारे देश के खिलाफ काम करेंगे। वे कभी भी ‘भारत माता की जय’ नहीं कहेंगे।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया