काम कुछ नहीं, खर्चा हर महीना ₹2 लाख: कानपुर में छिपे बांग्लादेशी रिजवान और उसके परिवार के खातों में कौन डालता है लाखों रुपए

करोड़ों का मालिक है घुसपैठिया रिज़वान (फोटो साभार एएनआई)

उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur, Uttar Pradesh) में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रिजवान और उसके परिवार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जाँच में पता चला है कि रिजवान और उसका परिवार महीने के लाखों रुपए खर्च कर रहा था, जबकि उसके पास कमाई का कोई साधन नहीं है।

पुलिस ने जब रिजवान और उसके परिवार का बैंक डिटेल खंगाला तो पता चला कि परिवार के पास चार बैंक खाते हैं। रिजवान के बैंक खाते में नवंबर महीने में 8 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। रुपए किसने भेजे थे, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। फिलहाल पुलिस उसके और उसके परिवार के अन्य लोगों के डिटेल खंगाल रही है।

वहीं, जाँच में यह भी पता चला है कि रिजवान का परिवार महीने के 2 लाख रुपए खर्च कर रहा था, जबकि परिवार के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। उसने पुलिस को बताया था कि वह हवाला का कारोबार करता है। हालाँकि, वह यह नहीं बताया कि पैसे कहाँ लगाता (investment) है। पुलिस को सबूतों के बिना इसे साबित करना मुश्किल होता जा रहा है।

पुलिस को रिजवान के घर छापेमारी के दौरान लगभग 14 लाख रुपए नकद मिले थे। उसके अलावा उसके घर से विदेशी करेंसी और महँगे गहने भी मिले थे। जाँच में तो यह बात भी सामने आई है कि रिजवान ने बांग्लादेश में करोड़ों रुपए की संपत्ति बनाई है। ऐसे में सवाल है कि जब रिजवान कोई काम नहीं करता तो उसके पास इतना रुपया कहाँ से आया। उसके खाते में रुपए कहाँ से आ रहे थे और कौन भेज रहा था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए कानपुर पुलिस ने पहले ही इंटेलिजेंस एजेंसियों को पत्र लिखा था। इंटेलिजेंस ने भी इस परिवार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना है। उसके पास से फर्जी दस्तावेज और बांग्लादेश समेत भारतीय पासपोर्ट मिले हैं। रिजवान पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल भी जा चुका है। ऐसे में यह मामला देश-विरोधी गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह परिवार साल 2016 से अवैध तौर पर भारत में रह रहा है। उसने कानपुर में ही हिना नाम की लड़की से निकाह भी कर लिया, जिससे उसे एक बेटा और दो बेटियाँ हैं। पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए आरोपितों के कागजात कानपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक हाजी इरफ़ान सोलंकी ने वेरिफाई किए थे।

पुलिस ने बताया कि सपा विधायक इरफ़ान ने न सिर्फ पकड़े गए आरोपितों को अपने आधिकारिक लेटर हेड पर भारतीय होने का सर्टिफिकेट दिया था, बल्कि उनके कागजातों को लगातार सत्यापित भी किया था। इससे उसने सभी का आधार कार्ड बनवाया था। इसके अलावा सपा पार्षद मन्नू रहमान ने साल 2019 में इन बांग्लादेशियों के भारतीय होने का प्रमाण पत्र जारी किया था।

रिजवान ने पुलिस को बताया था कि वह मूल रूप से बांग्लादेश के खुलना जिले का निवासी है। उसके घर से गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान 79 साल के ख़ालिद माज़िद, 53 साल के रिज़वान मोहम्मद, 45 साल की हिना खालिद और 21 साल की रुखसार के तौर पर हुई। एक अन्य नाबालिग भी पुलिस हिरासत में है जो इसी परिवार का है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया