बंगाल के मोमिनपुर में फिर कट्टरपंथियों का हमला, हिंदुओं के घरों में फेंके पेट्रोल बम: BJP ने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अमित शाह को लिखा पत्र

बंगाल के मोमिनपुर में हिंसा (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे, तरुण ज्योति तिवारी का ट्विटर)

पश्चिम बंगाल में रविवार (अक्टूबर 9, 2022) को एक बार फिर हिंदुओं पर हमला हुआ है। इस बार घटना खिर्दीपोर मोमिनपुर इलाके की है। यहाँ लक्ष्मी पूजा की शाम हिंदुओं की दुकानों और घरों पर दंगाइयों ने हमला किया। इस दौरान हिंदुओं के घरों पर पेट्रोल बम फेंके गए, उनकी झोपड़ियों में आग लगा दी गई, उनके सामान तोड़ दिए गए। इसके बाद ये कट्टरपंथी भीड़ इकबालपुर थाने के भीतर इस्लामी झंडा लेकर घुसी और वहाँ भी काफी उत्पात मचाया गया।

दंगाइयों का मजहब देख नहीं हो रही कार्रवाई

हिंसा के मद्देनजर प्रदेश के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल के गवर्नर व गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख अपील की कि वह मोमिनपुर में सेंट्रोल फोर्स (CAPF) तैनात करें क्योंकि राज्य सरकार दंगाइयों का मजहब देख उन्हें कुछ भी कहने से बच रही है।

उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले जून में हुई पंचला हिंसा के दौरान भी इसी तरह से हिंदुओं को निशाना बनाया गया था। वहीं नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों की घटनाओं के समय भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। पत्र में अधिकारी ने लिखा कि राज्य सरकार कट्टरपंथियों के आगे सरेंडर कर चुकी है।

हिंसा के पीछे की वजह

उल्लेखनीय है कि बंगाल में यह हिंसा रविवार (9 अक्टूबर 2022) को भड़की। बताया जा रहा है कि वहाँ पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के मौके पर इस्लामियों ने हिंदुओं के घर व दुकानों पर इस्लामी झंडे लगा दिए थे, जिन्हें कथिततौर पर हिंदुओं ने खोल दिया। इसी के बाद 700 से अधिक की भीड़ में कट्टरपंथी इकट्ठा हुए और हिंदुओं के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। बार-बार पुलिस को बुलाए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। बाद में पता चला कि उपद्रवियों ने इकबालपुर थाने में भी हल्ला मचा रखा था। वह वहाँ इस्लामी झंडों के साथ घुस गए थे और पुलिस उन्हें देख एकदम चुप थी।

हिंदू घर से भागने को मजबूर, पुलिस मौन खड़ी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने मोमिनपुर इलाके में भड़की हिंसा के बाद एक वीडियो ट्वीट किया। उन्होंने दावा किया कि हालात देखने के बाद मयूरभंज से हिंदू भाग रहे हैं, उनके घरों पर हमला हो रहा है। पुलिस बिलकुल चुप है। कानून व्यवस्था का कोई नामों निशान नहीं है।

ट्वीट के साथ साझा की गई वीडियो में व्यक्ति बता रहा है कि कैसे हिंसा वाले इलाके में आकर भी पुलिस दूर खड़ी तमाशा देख रही है। कोई इतनी हिम्मत नहीं दिखा रहा कि मामला सुलझा सके। प्रशासन को कह दिया गया है कि स्थिति कंट्रोल में है। लेकिन हकीकत में हालत अब भी वैसे हैं घरों में पत्थरबाजी हो रही है, बम फेंके जा रहे हैं।

हिंसा भड़कने के बाद की कई वीडियोज सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। इनमें दिख रहा है कि कैसे कट्टरपंथी यहाँ-वहाँ देखे बिना हर चीज को तोड़ रहे हैं। साथ ही हिंदुओं के घरों के आस पास जो बड़ी बिल्डिंग हैं उनपर चढ़कर वह पत्थर व पेट्रोल बम फेंक रहे हैं।

वीडियो में गेट को पीटने की आवाज और शोर साफ सुना जा सकता है। इसके अलावा हिंदुओं के खाली घरों की वीडियो भी इंटरनेट पर आ गई है। इन सबके बावजूद राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर आरोप है कि वो हालातों को सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे बल्कि दंगाइयों का मजहब देख चुप बैठे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया