असम में 1800 गिरफ्तार! CM सरमा के आदेश के बाद बाल विवाह के खिलाफ राज्य भर में एक्शन, दर्ज किए गए हैं 4000+ मामले

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)

‘बाल विवाह’ के खिलाफ असम सरकार सख्त नजर आ रही है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के आदेश के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए 1800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शुक्रवार (3 फरवरी, 2023) से शुरू हुई। असम में बाल विवाह के 4000 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा है कि बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राज्यव्यापी गिरफ्तारी का अभियान चल रहा है। अब तक 1800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मैंने असम पुलिस को महिलाओं के खिलाफ हो रहे अक्षम्य और जघन्य अपराधों के लिए जीरो टॉलरेंस के साथ कार्रवाई करने के लिए कहा है।”

इससे पहले उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार बाल विवाह को लेकर कड़े कदम उठाएगी। हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा था, “असम सरकार राज्य में बाल विवाह के खतरे को समाप्त करने के अपने दृढ़ संकल्पित है। असम पुलिस ने अब तक राज्य भर में 4004 मामले दर्ज किए गए हैं। आने वाले दिनों में और अधिक मामले सामने आ सकते हैं। इन मामलों पर कार्रवाई 3 फरवरी से शुरू होगी। मैं सभी से सहयोग करने का अनुरोध करता हूँ।”

दरअसल, हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक है। इसके लिए बाल विवाह को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसके बाद से असम सरकार ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने आदेश दिया था। इस आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 4004 मामले दर्ज किए। इसमें से धुबरी जिले में 370, होजई में 255 व उदालगुड़ी 235 तथा मोरीगाँव में 224 मामले दर्ज किए हुए हैं। 

एक अन्य बयान में उन्होंने कहा था, “इतने सारे मामले नौ दिनों के भीतर दर्ज किए गए है। कल तक यह संख्या 8000 या 9000 के पार हो सकती है। शुक्रवार (3 फरवरी, 2023) से हमारी गिरफ्तारी और कार्रवाई शुरू होगी। राज्य भर से लोगों को उठाया जाएगा। यह एक बड़ी कार्रवाई होगी। पिछले सात सालों में बाल विवाह में शामिल सभी लोगों पर मामला दर्ज किया जाएगा। हमारा मुख्य टारगेट मुल्ला, काजी या पुजारी होंगे जो इन विवाहों को बढ़ावा देते हैं।”

गौरतलब है कि सीएम सरमा ने गत 23 जनवरी को ऐलान करते हुए कहा था कि असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी। इसमें 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं, 14-18 साल की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया