बिहार में पान मसाला, खैनी, तंबाकू पर पूर्ण प्रतिबन्ध: खाकर थूका तो होगी 6 महीने की जेल, भरना पड़ेगा जुर्माना

तंबाकू खाकर सड़कों पर थूकने वालों पर बिहार सरकार सख्त

कोरोना के कारण देश भर में व्याप्त तमाम पाबंदियों के बीच बिहार सरकार ने अपने राज्य में तंबाकू आदि खाकर सार्वजनिक स्थान पर थूकने वालों को सजा देने का निर्देश दिया है। बिहार सरकार ने सोमवार (अप्रैल 13, 2020) को पास किए अपने आदेश में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति तंबाकू या पान मसाला खाकर सार्वजनिक सड़कों पर उसे थूकता नजर आया तो उसके लिए 200 रुपए का जुर्माना या फिर 6 महीने की जेल की सजा देना तय किया गया है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग से जारी हुए इस आदेश में कहा गया, “सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू थूकने से कोरोना, इन्सेफेलाइटिस, टीबी, स्वाइन फ्लू या अन्य वायरल बीमारियों के होने को खतरा है। इसलिए अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 268 और 269 के तहत 6 महीने की सजा होगी या ₹200 रुपए का जुर्माना होगा।”

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने यह आदेश जारी करते हुए बताया कि सार्वजानिक जगहों पर पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। संजय ने बताया कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यहाँ-वहाँ थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। अतः सार्वजानिक जगहों पर तम्बाकू पदार्थों के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि आईपीसी की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के दौरान उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरूद्ध कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है तो उसे छह माह का कारावास अथवा 200 रुपए जुर्माना किया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार, राज्य में सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान, सभी शैक्षणिक संस्थान, थाना परिसर आदि में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा आदि के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित करने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी अथवा आगंतुक इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई होगी।

बता दें, इससे पहले केंद्र सरकार ने बिहार सरकार से राज्य में तंबाकू के इस्तेमाल पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। इसके बाद सरकार ने ये निर्देश जारी किए और सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों से इसके तत्काल कार्यान्वयन की बात की। लेकिन, कहा जा रहा है कि राज्य के लिए इस कार्य को करना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि बिहार के 25.9 प्रतिशत जनता तंबाकू आदि का सेवन करती है।

गौरतलब है कि बिहार के वैशाली, समस्तीपुर व सीतमढ़ी जिले, राज्य में सबसे ज्यादा तंबाकू का उत्पादन करते हैं। लेकिन फिर भी सुरक्षा लिहाज़ से राज्य सरकार के लिए ये कदम उठाना बेहद जरूरी था। बिहार में अब तक कोरोना संक्रमिकों की संख्या 66 पहुँच गई है। वही नालंदा में भी एक 40 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। इसलिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सिवान, बेगुसराय, नवादा के अलावा नालंदा में भी अपनी जाँच शुरू कर दी है। अभी तक बिहार में इन चार जिलों को कोरोना का हॉट्सपॉट बताया जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया