‘जातिसूचक टिप्पणी करते हुए बिहार पुलिस ने दलित बस्ती पर बरसाए डंडे, महिलाओं से भी मारपीट: मीडिया रिपोर्ट्स, गुस्साए ग्रामीणों ने थाने को घेरा

दलित बस्ती पर बिहार पुलिस ने बरसाए डंडे (प्रतीकात्मक फोटो, साभार: DNA)

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। लेकिन इसके बाद भी सूबे में शराब बिक्री पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है। ऐसे में पुलिस जगह-जगह छापेमार कार्रवाई करती है। इस बीच दलित बस्ती में कार्रवाई करने गई पटना की उत्पाद पुलिस पर ग्रामीणों ने पुरुषों और महिलाओं के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। यही नहीं, पीड़ितों ने पुलिस पर नकदी छीनने का भी आरोप लगाया।

‘हिंदुस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, मामला पटना जिले के धनरूआ अंतर्गत मझनपुरा गाँव का है। यहाँ शनिवार (29 अप्रैल, 2023) रात को दलित बस्ती के लोग अपने घरों से बाहर निकल सड़क किनारे बैठकर बातें कर रहे थे। इसी दौरान उत्पाद पुलिस वहाँ पहुँची। आरोप है कि इसके बाद करीब एक दर्जन पुलिसकर्मियों ने लोगों पर जातिसूचक टिप्पणी करते हुए डंडे बरसाने शुरू कर दिए। पुलिस की इस कार्रवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया तो पुलिसकर्मी लोगों के घर में घुस गए। इसके बाद महिलाओं के साथ भी मारपीट की।

उत्पाद पुलिस की कार्रवाई से दलित बस्ती के दर्जन भर लोग घायल हो गए। घायलों में पुरुष और महिलाएँ दोनों शामिल हैं। इनमें से एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। फर्स्ट बिहार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी कारण के उनके साथ मारपीट की। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने धनरुआ थाने पहुँचकर हँगामा किया। साथ ही आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की माँग की।

पीड़ित महिलाओं काजल देवी और किरण देवी ने आरोप लगाया है कि उत्पाद पुलिस ने उनके घर में घुसकर पेटी में रखे 30-30 हजार रुपए निकाल लिए। वहीं, पीड़ित नीतीश पासवान, राजमणि व अन्य का कहना है कि पुलिस ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की है। वहीं, इस मामले में उत्पाद पुलिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। धनरुआ के थाना प्रभारी सतेंद्र कुमार ने कहा है कि शीर्ष अधिकारियों को मामले की जानकारी भेज गई है, निर्देश मिलने पर आवश्यक कार्रवाई होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया