रचित जाट को गोलियों से भून सिगरेट सुलगाते रहे शारिक़, शादाब, शहजाद: UP पुलिस ने धरा तो रोने लगे, लगेगा NSA

रचित जाट हत्या मामले में गिरफ्तार चारो आरोपित (साभार: News18)

एक तरफ राजनीतिक लाभ लेने के लिए किसान आंदोलन में जाट-मुस्लिम एकता की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के बिजनौर से।

बिजनौर जिले के हल्दौर के कस्बा झालू में सरे बाजार एक युवक रचित जाट को दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया। बेव सीरीज ‘मिर्जापुर’ स्टाइल में सरेबाजार कत्ल करने वाले मुस्लिम हमलावर बेखौफ थे। उन्हें न पुलिस का खौफ था और ही कानून का डर। अपराधी कत्ल कर मौका ए वारदात से भागने के बजाय दुकान के बाहर बैठ गए और आराम से सिगरेट पीते रहे। बीच-बीच में फायरिग कर तमंचे लहराते हुए गवाही देने वालों को जान से मारने की धमकी देते रहे।

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मामला हल्दाैर कस्बे झालू में काेतवाली नगर क्षेत्र के गाँव स्याैहारा गिरधर निवासी 27 वर्षीय रचित जाट की गाेलियाें से भूनकर हत्या का है। रचित बाजार में खरीदारी करने गया था। इसी दौरान वहाँ मोहल्ले के ही रहने वाले शारिक, शादाब, शहजाद, शहबाज और एक अन्य युवक पहुँचे। इन्होंने पुरानी रंजिश को लेकर रचित के साथ बहस की और उसके तुरंत बाद ताबड़तोड़ गोलियाँ बरसा दी।

रचित गोली लगने के बाद जान बचाने के लिए एक दुकान में घुस गया लेकिन हमलावरों ने इसे दुकान में भी नहीं छोड़ा और इस तरह सबके सामने रचित काे गोलियों से भून डाला। एसपी सिटी डॉक्टर धर्मवीर सिंह हत्या की वारदात की खबर मिलते ही मौके पर पहुँचे। पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

 

वह यूपी पुलिस के सामने भी लोगों से चिल्ला-चिल्लाकर कहते रहे कि उनका यह वीडियो यूट्यूब पर आना चाहिए। एक आरोपित के फरार होने की बात भी कही जा रही है। बिजनौर के एसपी डॉ धर्मवीर सिंह के मुताबिक चारों आरोपियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। बिजनौर एसपी ने इस मामले की जाँच करा कर 24 घंटे के अंदर कार्यवाही करने का भरोसा दिया है।

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कातिल इस कदर बेखौफ थे कि सनसनीखेज हत्याकांड के बाद दुकान के बाहर गेट पर ही बैठ गए। हवाई फायरिग कर गवाही देने वाले की भी हत्या की धमकी दी। फिर तमंचा लहराते हुए वेब सीरीज स्टाइल में सिगरेट जलाई, धुएँ का छल्ला उड़ाते हुए फिर से हवाई फायरिग की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हत्यारोपित 30 मिनट बाद तक मौके पर मौजूद रहे।

सिगरेट सुलगाते हत्यारे

पुलिस मौके पर पहुँची और उन्हें बाइक पर बैठा लिया। इस दौरान बाइक पर बैठते समय भी उनके चेहरों पर कोई खौफ नहीं था। हालाँकि, गिरफ्तारी के बाद अब चारों लड़कों की अकड़ यूपी पुलिस के सामने कम होती दिखने लगी। बताया जा रहा है कि सभी आरोपित बाद में यूपी पुलिस के आगे गिड़गिड़ाने लगे थे।

गौरतलब है कि कृषि कानून के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली बॉर्डर पर दो महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन जारी है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस आंदोलन से किसानों की माँग भले ही अभी तक पूरी न हुई हो, लेकिन सामाजिक और राजनीतिक चेतना जरूर जगा दी है। जाट और मुस्लिम भी दंगों की बात भूलकर करीब आ गए हैं। लेकिन जमीनी स्तर की कलह इस नैरेटिव को बार-बार झूठलाती नजर आती है।

फिर भी मीडिया में यह माहौल बनाने की कोशिश जारी है कि किसान आंदोलन के चलते लोग अपनी पुरानी रंजिश और अदावत भुलाकर एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। ध्यान रहे, साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे ने जाटों और मुस्लिमों के बीच गहरी खाई पैदा कर दी थी, जिसे अब सात साल के बाद पटने का दावा किया जा रहा था कि आज बिजनौर की यह घटना फिर सामने आ गई है। बताया जा रहा था कि जाट के साथ मुस्लिम, दलित, सिख सहित तमाम समुदाय के लोग किसानों के हक के लिए गाजीपुर बॉर्डर से लेकर पश्चिम यूपी में हो रही महापंचायतों में दिख रहे हैं। हालाँकि इसकी जमीनी वास्तविकता इससे इतर नजर आ रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया