झारखंड: BJP नेता को गोली मार पैदल ही फरार हो गए 2 बदमाश, पार्टी ने कहा- जंगलराज लौट आया

भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या

झारखंड के लातेहार जिले के बरवाडीह बस स्टैंड पर भाजपा जिला महामंत्री जयवर्धन सिंह की रविवार (जुलाई 5, 2020) को गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना कल शाम करीब साढ़े 7 बजे घटी। आरोपित मौके से पैदल ही फरार हो गए। भाजपा ने आरोप लगाया कि झारखंड में जंगलराज की फिर वापसी हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार की शाम जयवर्धन सिंह बस स्टैंड के पास स्थित प्रज्ञा केंद्र के सामने बैठे हुए थे। तभी पीछे से दो युवक आए और उनके पीठ व गर्दन के पास सटा कर गोली मार दी। वह वहीं गिर गए।

गोली मारने के बाद दोनों बदमाश फायरिंग करते हुए बस स्टैंड से होते हुए बाजार के मुख्य सड़क से भाग निकले। लोगो ने दोनों युवकों का पीछा भी किया, लेकिन दोनों पैदल ही फरार हो गए।

इस घटना की सूचना पाते ही बरवाडीह डीएसपी अमरनाथ ने पुलिस इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह व पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुँच कर गोली मारने वालों के बारे में जानकारी जुटाई। साथ ही उनकी धड़पकड़ के लिए छापेमारी अभियान शुरू किया।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस घटना पर कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। लातेहार भाजपा जिला महामंत्री जयवर्धन सिंह की सरेआम हत्या हो गई। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है। सरकार अपराधियों को तत्काल पकड़ कर कड़ी कार्रवाई करे। कानून-व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो भाजपा उग्र आंदोलन करेगी।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जयवर्धन सिंह की हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि झारखंड में जंगलराज वापस आ गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य में पिछले 6 महीने में नक्सली और आपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि जयवर्धन सिंह पर पहले भी हमला हुआ था। 2018 में जब वह लातेहार व्यवहार न्यायालय में गवाही देने गए थे तभी कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। हालाँकि इस घटना में पुलिस ने अपराधियों को फौरन पकड़ लिया था। इसके अलावा करीब 6 साल पहले भी उनपर जानलेवा हमले का प्रयास हुआ था।

लोगों के मुताबिक, वे लगातार अपने ऊपर हमले की आशंका जताते थे। इसके लिए उन्होंने हथियार की माँग भी की थी। लेकिन उनके आर्म्स विधानसभा चुनाव के दौरान थाने में जमा करवा लिए गए थे। चुनाव के बाद उन्होंने लिखित आवेदन देकर हथियार को वापस रिलीज करने की माँग की थी, मगर प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया