अंकित की हत्या का विरोध कर रहे लोगों पर बिहार पुलिस की FIR: भाजपा नेता ने कहा ‘समझौते के दबाव’ की साजिश, मस्जिद के इमाम से पूछताछ की माँग

गोपालगंज में अंकित (बाएँ) हत्याकांड का विरोध करने वाले 211 प्रदर्शकारियों पर FIR

बिहार के गोपालगंज (Gopalganj, Bihar) के बसडीला गाँव में कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ ने सब्जी खरीदने गए अंकित नाम के युवक की 27 जनवरी 2023 को चाकू घोंप कर हत्या कर दी थी। इस हमले में हरिओम नाम का एक अन्य युवक घायल हुआ था। इस मामले में कुल 17 आरोपित नामजद किए गए थे, जिसमें से 12 गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं, 3 आरोपितों ने अदालत में सरेंडर कर दिया है। बाकी के 4 आरोपित फरार हैं।

बिहार पुलिस ने सिर्फ आरोपितों पर ही नहीं, बल्कि पीड़ितों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। अंकित की हत्या के बाद लोग भड़क गए थे और प्रशासन की लापरवाही को लेकर लोगों ने शव रखकर उग्र प्रदर्शन किया था। इसको लेकर पुलिस ने 39 नामजद सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज की है।

विरोध प्रदर्शन करने पर FIR

जानकारी के मुताबिक बसडीला बाजार के गाँव पसरमा अंकित कुशवाहा की हत्या के बाद भीड़ हिंसक हो उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़प भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियाँ भाँजी थी। प्रदर्शनकारी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे थे।

अब पुलिस ने इस मामले में 39 नामजद सहित कुल 211 लोगों को आरोपित किया है। पुलिस का दावा है कि ये केस वीडियो फुटेज देखकर दर्ज किया गया है। वहीं, गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक के मुताबिक केस से अपना नाम कटवाने के लिए किसी भी आरोपित को अपनी बेगुनाही का सबूत देना पड़ेगा।

नाराज व्यपारियों द्वारा बाजार बंद

पुलिस द्वारा उलटे केस किए जाने से नाराज व्यापारियों ने बसडीला बाजार बंद रखा। कहा जा रहा है कि इस FIR में दिव्यांग, महिलाओं और बुर्जुगों का भी नाम डाला गया है। लोगों ने पुलिस की कार्रवाई को गलत और असंतोषजनक बताया।

इस दौरान बाजार में भारी पुलिस बल तैनात रहा। मौके पर रैपिड एक्शन फ़ोर्स भी लगाई गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई लोगों के नाम इस केस में बेवजह डाले गए हैं।

अंकित के परिजनों पर समझौते का दबाव है ये FIR

ऑपइंडिया ने इस FIR के बारे में गोपालगंज भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रवि प्रकाश मणि त्रिपाठी से बात की। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा उलटे हिन्दुओं पर की गई FIR असल में अंकित के परिवार वालों पर दबाव के लिए है।

रवि प्रकाश के मुताबिक, संभव है कि मुस्लिम पक्ष द्वारा अकेले खुद को जेल भेजे जाने पर नाराजगी जताते हुए दबाव बनाया गया है। इसके बाद दोनों पक्षों पर FIR दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि भविष्य में प्रशासन हिन्दू पक्ष पर दर्ज इस नई FIR का बहाना लेकर अंकित हत्याकांड में समझौते का दबाव बनाए।

एक युवक को पीट कर दी थी बाजार में न दिखने की चेतावनी

ऑपइंडिया से बात करते हुए भाजपा नेता रवि प्रकाश ने आगे बताया कि हरिओम को पिटने से बचाने पर अंकित की हत्या हुई। इससे पहले भी मुस्लिमों द्वारा पसरमा गाँव के ही एक अन्य युवक को पीट कर बसडीला बाजार में न घुसने की धमकी दी गई थी।

भाजपा नेता के मुताबिक, हरिओम से पहले पिटने वाला युवक हिन्दुओं के महादलित समुदाय से है। इसकी पिटाई के बाद भी मुस्लिम हमलावर हरिओम को बाजार में देखकर आग-बबूला हो गए थे। हालाँकि, रवि प्रकाश ने सुरक्षा के चलते उस युवक का नाम उजागर नहीं किया और उसे बेहद डरा हुआ बताया।

जब हमने भाजपा नेता से इस पिटाई की वजह पूछी तब उन्होने कहा कि मृतक अंकित का गाँव पसरमा है, जो कि हिन्दू बहुल है। वहीं, बसडीला बाजार में हिन्दू-मुस्लिम आबादी लगभग बराबर-बराबर है। बसडीला के मुस्लिमों द्वारा हिंदू युवकों की पिटाई की वजह भाजपा नेता ने महज रंगबाजी में की गई हरकत बताया।

बहुत-सी छोटी मस्जिदें ले चुकी हैं विशाल रूप

भाजपा नेता रवि प्रकाश ने बताया कि जिस मस्जिद के आगे विवाद हुआ वह उनके बचपन में काफी छोटी थी, लेकिन अब वो विशाल रूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ है, जिसका विरोध किसी ने नहीं किया है।

ब्राह्मण समाज के स्थानीय मुखिया पर मुस्लिमों का सपोर्ट करने के आरोप लग रहे हैं। इस आरोप पर रवि प्रकाश ने बताया कि बिना मुस्लिम वोटों के मुखिया का चुनाव जीतना असम्भव है। इसलिए मुखिया जो कर रहे हा वो उसकी मजबूरी है।

रवि प्रकाश के अनुसार, मस्जिद के अंदर ही मदरसा भी भी है, जहाँ मुस्लिम बच्चों की पढ़ाई होती है। मृतक अंकित के गाँव के उपेंद्र के मुताबिक, इस मस्जिद में आसपास के कई गाँवों के लोग जमा होकर नमाज़ पढ़ते हैं।

गाँवों में आ रहे बाहरी मुस्लिम

ऑपइंडिया से बात करते हए भाजपा नेता रवि प्रकाश ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से गाँवों में तकरीर के लिए बाहरी लोग आ रहे हैं। उनका कहना था कि ये लोग कौन हैं, कहाँ से आते हैं और फिर कहाँ चले जाते हैं, ये किसी को नहीं पता। जब हमने इस मामले में प्रशासन की सक्रियता पूछी तब रवि प्रकाश ने कहा कि प्रशासन इस तरफ ध्यान ही नहीं देता।

मस्जिद के इमाम से हो पूछताछ

ऑपइंडिया ने इस मामले में गोपालगंज के बजरंग दल पदाधिकारी रंजीत मिश्रा से बात की। रंजीत के मुताबिक, हमले के लिए जान-बूझ कर मस्जिद के पास वाली जगह चुनी गई थी। उन्होंने बताया कि अगर सही से जाँच हो तो सामने आएगा कि मस्जिद के इमाम को इस मामले में सब पता है।

हमें रोक रहा है प्रशासन

रंजीत ने बताया कि प्रशासन मामले को दबाने की हर सम्भव कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार प्रयास करने के बाद भी उन्हें मृतक के घर जाने नहीं दिया गया। गाँव को छावनी बनाकर रखा गया है। रंजीत का कहना है कि प्रशासन मीडिया को भी मृतक के परिजनों से मिलने से रोक रहा है।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।