जाँच के लिए गई 2 ANM को NRC सर्वे वाला बताकर मुस्लिम भीड़ ने की मारपीट, निगारा खातून समेत 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

तस्वीर साभार: पत्रिका

देश के अलग-अलग राज्यों के विभिन्न इलाकों से स्वास्थकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदसलूकी की खबरें आने के बाद सोमवार को इस सूची में छत्तीसगढ़ का नाम भी सामने आया। यहाँ भिलाई जिले में स्थित फरीदनगर सुपेला क्षेत्र में ये घटना उस समय घटी, जब होम क्वारंटाइन में रखे गए लोगों का सर्वे करने 2 महिला स्वास्थ्यकर्मी पहुँची और उन्होंने उन लोगों से पूछताछ शुरू की। जिसके बाद वहाँ कुछ लोग उनपर भड़क गए। फिर उनपर हमला कर दिया। इस दौरान बीच-बचाव करने पर भीड़ से भी मारपीट हुई। अब ताजा जानकारी के अनुसार, इस संबंध में पुलिस ने 30 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार की दोपहर करीब 2 बजे विनीता साहू और रश्मि राय नाम की दो ANM फरीदनगर पहुँची। इसके बाद दोनों महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने नदीम टेक्सटाइल्स लिखे एक मकान की ओर जाँच के लिए गईं। जहाँ दो लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया था। मगर जैसे ही वे वहाँ पहुँची और उनकी व्यक्तिगत जानकारी माँगी। घर की महिलाएँ दोनों स्वास्थ्यकर्मियों पर भड़क उठीं।

उन लोगों ने दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को एनआरसी का सर्वे करने वाला बताया। फिर उनसे विवाद शुरू कर दिया। महिला द्वारा जोर-जोर से चिल्लाने पर आरोपित निगारा खातून सहित आसपास की करीब 30 महिलाएँ व कुछ पुरुष वहाँ पहुँच गए। सभी ने मिलकर दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को घेर लिया और उनसे मारपीट की।

पुलिस को सूचना मिलने पर सुपेला थाने की पेट्रोलिंग टीम वहाँ पहुँची। लेकिन आरोपितों ने पुलिसकर्मियों से भी हाथापाई की। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस किसी तरह से दोनों महिला स्वास्थ्यकर्मियों को भीड़ से निकालकर थाने लाई। दोनों ने लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के बीएमओ व कोरोना वायरस के प्रभारी नोडल अधिकारी संजय जामगाड़े को इस घटना की जानकारी दी।

इसके बाद सीएमएचओ डॉ गंभीर सिंह ठाकुर से निर्देश लेने के बाद बीएमओ संजय जामगाड़े ने इसकी थाने में शिकायत की। जिसके आधार पर सुपेला पुलिस ने आरोपित निगारा खातून व अन्य आरोपितों के खिलाफ शासकीय सेवकों से मारपीट और प्रतिबंध का उल्लंघन करने की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। बता दें इस घटना के बाद महिलाएँ काफी डरी हुई हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें निकाला नहीं जाता तो उनकी जान पर बन आती। क्योंकि लोग गुस्से में उन्हें मारने पर उतारू हो गए थे।

गौरतलब है कि इस समय कोरोना संदिग्धों की तलाश में जुटी पुलिस और उनकी जाँच करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर जगह-जगह हमले किए जा रहे हैं। इन घटनाओं में मुख्यत: समुदाय विशेष के लोग शामिल हैं। किसी के बहकावे में आकर कहिए या फिर जान बूझकर कहिए, मगर ये लोग न देश में फैली महामारी को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही अपने सरकार की सुन रहे हैं। इन्हें इस आपदा के समय में भी एनआरसी का डर है कि स्वास्थ्यकर्मी उनकी जानकारी उनका नुकसान करने के लिए ले रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया