पूजास्थल में तोड़फोड़ और हंगामा: पत्थरबाजी और सांप्रदायिक हिंसा के बाद भैंसा में कर्फ्यू, 25 गिरफ्तार

भैंसा में तनाव के बाद अतिरिक्त जवानों की तैनाती (फोटो साभार: Deccan Chronicle)

तेलंगाना के निर्मल जिला स्थित भैंसा क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के बाद पुलिस ने वहाँ कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस ने बताया है कि दो समुदायों के बीच हुई झड़प के बाद अब तक 25 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। रविवार (मई 10, 2020) की रात को दूसरे समुदाय का एक व्यक्ति पूजा-स्थल में घुस गया, जिसके बाद वहाँ तनाव व्याप्त हो गया। उसने वहाँ तोड़फोड़ और हंगामा शुरू कर दिया। भैंसा में इसके बाद हिन्दू-मुस्लिम आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी व हिंसा चालू हो गई

सबसे पहले दोनों समुदायों के बीच कहासुनी हुई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस द्वारा मामला शांत कराए जाने के बावजूद इलाक़े में हिंसक घटनाएँ होती रहीं। ऐसे में कर्फ्यू लगा कर अतिरिक्त जवानों को भैंसा शहर में भेजा गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी स्थिति की समीक्षा की है। इस घटना में एक व्यक्ति के घायल होने की ख़बर है। मामले से सम्बंधित 4 केस दर्ज किए जा चुके हैं।

बताया गया है कि अब स्थिति ठीक है और इलाक़े में शांति बहाल करा दी गई है। तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली ने इसे हल्की-फुल्की घटना करार दी और कहा कि ये दो समुदायों के बीच पत्थरबाजी की वारदात है। उन्होंने जानकारी दी कि अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के बाद पुलिस ने त्वरित एक्शन लिए हुए शांति व्यवस्था के लिए कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोग हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब में आस्था रखते हैं और भाईचारे में उनका प्रबल विश्वास रहा है।

गृहमंत्री महमूद ने लोगों को अफवाह न फैलाने और अफवाहों पर विश्वास न करने की सलाह दी है। ये घटना शहर के शिवाजीनगर कॉलोनी में हुई। जो व्यक्ति नशे की हालत में पूजास्थल में घुसा था, उसे भी घायल होने के बाद निज़ामाबाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर है। करीमनगर रेंज के अधिकारी भी भैंसा में कैम्प कर रहे हैं। अस्पतालों और मेडिकल की दुकानों को छोड़ कर शहर में बाकी सारी कमर्शियल चीजों को बंद कर दिया गया है। उपद्रवियों ने एक मोटर बाइक और एक ऑटो रिक्शा को भी जला डाला।

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इसी साल जनवरी में हिंदुओं के घरों पर विशेष समुदाय के लोगों ने जमकर हमला किया था। जिसके बाद भाजपा नेता पी मुरलीधर राव ने एआईएमआईएम और टीआरएस के गठजोड़ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। वहीं निज़ामाबाद के सांसद अरविन्द धर्मपुरी ने भी आरोप लगाया था कि ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिमों को भड़का कर हिंसा की वारदात को अंजाम दिया। लेकिन जब, तेलंगाना में एकमात्र भाजपा विधायक राजा सिंह पीड़ित हिंदुओं से मिलने पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया