दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगा में बुर्का पहनकर पुलिस पर हमला करने वाली 6 महिलाओं की हुई पहचान, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

वीरगति को प्राप्त हुए रतनलाल जी को मारने वाली भीड़ से छः लोगों की पहचान हो गई है

दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में पुलिस के हाथ अहम् जानकारी लगी है। क्राइम ब्रांच SIT ने चाँद बाग इलाके में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल मर्डर केस, DCP अमित शर्मा और एसीपी अनुज कुमार पर हमले में शामिल 6 महिलाओं की पहचान की है।

एसआईटी जल्द ही इन महिलाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। इन महिलाओं के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। बता दें कि करीब 70 से 80 महिलाएँ चाँद बाग इलाके में घटना के वक्त मौजूद दिखी हैं। जिसमे ज्यादातर महिलाओं ने पुलिस टीम पर हमला किया था। हमला करने वाली अधिकतर महिलाओं ने बुर्के पहन रखे थे, इसलिए उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। हालाँकि, मौके से मिले वीडियो फुटेज और सर्विलांस के जरिए 6 महिलाओं की पहचान कर ली गई है, जिनको लेकर पुलिस जल्द खुलासा और गिरफ्तारियाँ कर सकती है।

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हिन्दू विरोधी दंगों में दिल्ली पुलिस दंगों में शामिल अपराधियों की तलाश में लगातार जुटी हुई है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के दौरान IB के अंकित शर्मा की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कल (मार्च 12, 2020) सलमान उर्फ मुल्ला उर्फ़ नन्हे को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के बाद मालूम चला कि मुल्ला ने न केवल अन्य दंगाइयों के साथ मिलकर अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन के घर में खींचा, बल्कि उन्हें जान से मारने से पहले उनके मुँह पर काला  कपड़ा डाला और साथ ही उन्हें निर्वस्त्र भी किया। सलमान के मुताबिक दंगाइयों ने उनका मजहब जानने के लिए उनके कपड़े उतारे। धर्म पुख्ता कर उन्हें चाकूओं से गोद डाला।

सलमान नेबताया कि उसने खुद अंकित पर 14 बार चाकू से वार किए। सलमान ने पुलिस को पूछताछ में बताया, “हत्या करने वाले सभी लोगों कोपता था कि अंकित IB में काम करते हैं। साजिश कर उनकी हत्या की गई। पहले उन्हें घसीटकर ताहिर हुसैन के घर ले गए और फिर 1 दर्जन से भी ज्यादा लोगों ने चाकुओं से वार किया।”

इससे पहले, दिल्ली में हुए दंगों पर राज्यसभा में गुरुवार (मार्च 12, 2020) को जोरदार बहस हुई। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहने दिल्ली दंगों पर विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में गहरी साजिश के तहत दंगा करायागया। उन्होंने कहा कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दंगे के दौरान सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया।

शाह ने कहा कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे जो दंगों से पहले शुरू किए गए और हिंसा के बाद बंद कर दिए गए। इनसे दंगा, नफरत और घृणा फैलाने का काम किया गया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में हुए दंगों की जाँच पड़ताल में सोशल मीडिया में 60 ऐसे अकाउंटमिले हैं जो 22 फरवरी को शुरू हुए और 26 फरवरी को बंद हो गए। अगर ये लोग सोचते हैं कि अकाउंट बंद करके वो बच जाएँगे तो मैंबता दूँ कि वो जहाँ पर भी हैं पुलिस उनको ढूँढ निकालेगी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया