शुक्रवार (मई 24, 2019) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रपति कोविंद को इस्तीफा सौंप दिया। राष्ट्रपति ने सभी का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री से नई सरकार बनने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें 16वीं लोकसभा को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
https://twitter.com/NavbharatTimes/status/1131951370171342848?ref_src=twsrc%5Etfw16 वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है और 17वीं लोकसभा का गठन 3 जून से पहले किया जाना है। ऐसे में नए सदन के गठन की प्रक्रिया तीनों चुनाव आयुक्तों के राष्ट्रपति से मिलने के बाद शुरू होगी जब वह नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची राष्ट्रपति को सौंपेंगे।
बता दें लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी सिलसिले में आज शनिवार को एनडीए की संसदीय दल की बैठक शाम 5 बजे बुलाई गई है जिसमें गठबंधन के सभी नवनिर्वाचित सांसद शामिल होंगे। इस बैठक में औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। संसदीय दल के नेता को ही राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
https://twitter.com/newssummeduphq/status/1132028151452786688?ref_src=twsrc%5Etfwनवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में किसे कौन सा पद मिलेगा। ऐसे में केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक भी हुई जिसमें सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमन, मेनका गांधी, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर आदि शामिल हुए। स्वास्थ्य खराब होने के कारण अरुण जेटली इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे। खबरों के अनुसार मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री का कार्यभार नहीं लेंगे। इसका कारण उनकी बिगड़ी सेहत बताया जा रहा है। ऐसे में हो सकता है केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय या दोनों मंत्रालयों का प्रभार दिया जाए। इसके अलावा अमित शाह को रक्षा मंत्री का पद सौंपा जा सकता है।