दिल्ली दंगों के मामले में AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राहत, अदालत ने आगजनी के आरोप से मुक्त किया: उसकी छत पर जमा थे दंगाई

AAP का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (फाइल फोटो)

फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को दिल्ली की एक कोर्ट (Delhi Court) ने राहत दे दी है। ताहिर हुसैन एवं अन्य 9 आरोपितों को न्यायालय ने बुधवार (19 अक्टूबर 2022) को इमारत में आगजनी करने के आरोप से मुक्त कर दिया है।

हालाँकि, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने IPC की धारा 147, 148, 149, 427, 120B और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत अन्य अपराधों के मुकदमे पर सुनवाई के लिए इस केस को वापस मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (CMM) के पास भेज दिया।

दिल्ली पुलिस ने एक FIR कर आरोप लगाया था कि ताहिर हुसैन की घर की छत पर कई दिनों से ईंट और पत्थर जमा किए जा रहे थे। दंगों के दौरान इसी घर की छत से दंगाइयों ने पथराव किया था और पेट्रोल बम फेंके थे। इसके सबूत भी सामने आए थे। इसमें दर्जनों दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया था।

प्राथमिकी में दिल्ली पुलिस ने जय भगवान नाम के एक व्यक्ति की शिकायत भी जोड़ दी थी। जय भगवान ने कहा था कि दंगों के दौरान उन्मादियों की भीड़ ने उनकी बेटी की शादी के सामान से भरे रिक्शे को भी जला दिया था। इसके कारण उन्हें भारी हानि हुई थी।

सुनवाई के दौरान दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने पाया कि अचल संपत्ति में आग नहीं लगी थी। ऐसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 436 के तहत लगाया गया आगजनी का आरोप नहीं बनता है। इसके साथ ही कोर्ट ने ताहिर हुसैन को अचल संपत्ति में आगजनी के आरोप से मुक्त कर दिया।

बता दें कि फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी भीषण दंगों वक्त लगातार तीन दिन तक दंगाइयों द्वारा हिंसा की जाती रही। इसमें दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल रतन लाल सहित 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, इस दंगे में सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, करोड़ों रुपए की संपत्ति का भी नुकसान हुआ था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया